सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने AIMIM  के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राष्ट्रीय राजधानी में 2020 में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में अंतरिम या नियमित जमानत के सवाल पर दिल्ली पुलिस से अपना पक्ष रखने का मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि याचिकाकर्ता को 10 में से नौ मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

पीठ ने यह भी कहा कि (हुसैन को) उन्हें धनशोधन के एक मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। याचिकाकर्ता हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि वह चार साल 10 महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं। वह फरवरी 2020 तक बेदाग पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने यह भी कहा कि कथित हमलावरों सहित अन्य सभी आरोपियों को मामले में जमानत मिल चुकी है।

दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या से जुड़े एक मामले में हुसैन को कोई राहत नहीं दी गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को मामले में अंतरिम जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की गुहार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता रजत नायर से पूछा कि अदालत को याचिकाकर्ता को जमानत या अंतरिम जमानत क्यों नहीं देनी चाहिए? इस पर अधिवक्ता नायर के यह गुहार पर कि मामले की तैयारी और बहस के लिए उन्हें समय चाहिए, पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार यानी 22 जनवरी के लिए मुकर्रर कर दी। (वार्ता)

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