- नुक्कड़ नाटक से फ्रॉड के प्रति लोगों को किया गया जागरूक
लखनऊ। स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस के छात्र-छात्राओं ने साइबर अपराधों के सम्बन्ध में आम नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से गुरुवार को हजरतगंज, जी.पी.ओ. (अटल चौक के पास) के सामने महात्मा गॉधी जी की मूर्ति के समक्ष लघु नुक्कड़ नाटक “बड़े धोखे हैं इस राह में” प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक सतर्कता एवं उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड राजीव कृष्णा,अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा एवं डीसीपी रवीना त्यागी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक, सतर्कता एवं अध्यक्ष पुलिस भर्ती बोर्ड राजीव कृष्णा ने कहा कि पिछले छह – सात वर्षों में साइबर अपराध और धोखाधड़ी ने समाज मे घर बना लिया है। कोविड के दौरान हमारी जीवनशैली, ई-कॉमर्स और मोबाइल का उपयोग हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए, और इसी के माध्यम से धोखाधड़ी के अवसर बढ़े। उन्होंने कहा कि जहां पहले साइबर अपराध 5% से कम था, अब यह 40% या उससे अधिक हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि “रोकथाम इलाज से बेहतर है।” इसके लिए साइबर विषयों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। हर दिन अपराधी नए-नए तरीके से अपराध कर रहे हैं। लालच, ब्लैकमेल और मनोवैज्ञानिक हिंसा के जरिए यह अपराध हो रहे हैं, जिनमें शारीरिक हिंसा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि इन अपराधों का समाधान मौजूद है। यूपी सरकार और केंद्र सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रमाणिक समाधान प्रदान कर रही हैं। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को यह विश्वास दें कि वे अपनी समस्याएं और चुनौतियां खुलकर साझा कर सकें। अगर माता-पिता यह विश्वास नहीं दे पा रहे हैं, तो घर का माहौल सुधारना बहुत जरूरी है। उन्होंने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करने वाले बच्चों की सराहना की। इस मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।