- DAV कॉलेज परिसर में चल रहीं श्रीमदभागवत का पांचवा दिन
लखनऊ। DAV कॉलेज परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत राधा रमन के पांचवे दिन पुंडरीक महाराज ने श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर बाल बाल सखा ताकि लीलाओं को प्रमुखता से सुनाया और वर्णन किया। उन्होंने प्रभु बृज में पधारो नंद के घर आनंद भयो अच्छे अनुभव के पीछे कोई साधन होती है जाए तब आनंद ही आनंद होता है। भगवान पहली बार बृज में जन्म लिया है उसके पहले हैं इसीलिए श्री कृष्ण के जन्म तिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन पर सभी भक्त झूम उठे और नंदलाल के जयकारों से पूरा पंडाल गूंजता रहा। ब्रज में एक ही धूम थी कि आज आजन्म का जन्म हुआ है सभी लोग झूमते कूदते डमरू बजाते बृजवासी घूम रहे थे।
देवकी मैया ने कभी भी लाल जी के तुम्हें नहीं देखा इस बात के लिए वह दुखी रहती थी ठाकुर ने यह देखकर कि हमारी एक प्रतिमा बाल रूप में बनाया उसमें ऐसा प्रकाश डाला कि वह प्रतिमा विग्रह बाल लीलाओं का अनुभव करता रहा। कौटिल्य जी ने कहा है कि धर्म का मूल सुख है सुख का मूल राष्ट्र है राष्ट्रीय अवधारणा है कोई भूमि नहीं है आज के दो वर्ष पहले लेट कर श्री राम प्रभु के को प्रणाम किया इससे राष्ट्र कहते हैं राष्ट्र का मूल वृद्ध जनों की सेवा होती है।
श्रीकृष्ण की हर लीला को बहुत सुंदर ढंग से समझाया और बताए जिससे भक्तजन मंत्र मुक्त होकर सुना, करताल तालिया की धुन से पूरा पंडाल गूंजता रहा। तत्पश्चात आरती हुई एवं प्रसाद वितरण किया गया आज के प्रसाद में 56 भोग से भोग लगाया गया। कथा में राजेंद्र कुमार अग्रवाल अमरनाथ मिश्र विनोद महेश्वरी सर्राफा एसोसिएशन नवीन गुप्ता समीर मित्तल लोकेश अग्रवाल मनोहर राय कुश मिश्रा चारु मिश्रा आदित्य अग्रवाल हनी शुक्ला मनोज अग्रवाल के साथ राधा रमन भक्ति उपस्थित रहे।