शाश्वत तिवारी
बीजिंग। भारत और चीन के बीच पिछले कई वर्षों से जारी गतिरोध दूर किया जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के 26-27 जनवरी को चीन दौरे के दौरान दोनों देशों ने सोमवार को कई बड़े एलान किए। दोनों पक्षों ने करीब पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सोमवार को भारत-चीन के बीच विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र की बैठक हुई। विदेश सचिव मिसरी ने अपने इस दौरे के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की। बताया गया कि जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक में सहमति बनी थी, विदेश सचिव और चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।
मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है और संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार ऐसा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगा। जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के प्रावधान और सीमा पार नदियों से संबंधित अन्य सहयोग को फिर से शुरू करने पर चर्चा करने के लिए भारत-चीन विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र की जल्द बैठक आयोजित करने पर भी सहमति बनी।
बयान में कहा गया दोनों पक्ष मीडिया और थिंक-टैंक इंटरैक्शन सहित लोगों के बीच आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने और सुविधाजनक बनाने के लिए उचित उपाय करने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई। दोनों पक्षों ने माना कि 2025, भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है, जिसका उपयोग एक-दूसरे के बारे में बेहतर जागरूकता पैदा करने और जनता के बीच आपसी विश्वास तथा भरोसा बहाल करने के लिए सार्वजनिक कूटनीति प्रयासों को दोगुना करने के लिए किया जाना चाहिए।