डाक्टर हर्षिता पाठक की उपलब्धि से क्षेत्र जवार में खुशी की लहर

रवि श्रीवास्तव

बढ़नी/सिद्धार्थनगर। डाक्टर हर्षिता पाठक ने पहले ही प्रयास में विदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी से FMGE परिक्षा उत्तीर्ण कर न केवल बढ़नी,पूरे जिले का नाम रोशन किया है। हर्षिता की इस उपलब्धि से परिवार व सगे संबंधियों में हर्ष की लहर है ही,दूर दराज और नेपाल तक लोग उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दे रहे हैं। इलाके में किसी एमबीबीएस छात्रा को विदेश से मिली यह बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बता दें कि बढ़नी क्षेत्र के ग्राम सेवरा निवासी स्व.परमात्मा पाठक का परिवार शिक्षा व संस्कार में अग्रणी स्थान रखता है। स्व.पाठक बढ़नी स्थित गांधी आदर्श इंटर कालेज में प्रिंसिपल रहे हैं। उनके रहते इस कालेज की पढ़ाई और अनुशासन की चर्चा दूर तक होती रही है।

स्व.परमात्मा पाठक के पुत्र बृजेश पाठक जो ग्राम प्रधान भी रहे हैं,की पुत्री हर्षिता पाठक की प्रारंभिक शिक्षा बढ़नी और गोरखपुर में हुई। उनकी इच्छा शुरू से डाक्टर बनने की थी। क्योंकि सगी बूआ की दो बेटियां अच्छे मुकाम पर थीं। एक डाक्टर है तो दूसरी बहन पुलिस आफीसर है। गोरखपुर के ख्याति प्राप्त न्यूरो सर्जन डाक्टर अनुज मिश्रा बूआ की डाक्टर बेटी के पति हैं तो दूसरी जो डिप्टी एसपी है,के पति न्यायिक सेवा में सी जे एम हैं। हर्षिता के फूफा सीएमओ से रिटायर हुए हैं। ज्ञात हो कि परिवार के सगे संबंधियों में एक से बढ़कर एक उपलब्धि धारक हैं जो हर्षिता के प्रेरणास्रोत रहे हैं।

इसी इच्छा शक्ति के बूते हर्षिता ने भी तय लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना शुरू किया और मन वांक्षित मंजिल हासिल की।
बड़ी बात यह है कि आज जब डाक्टरी पढ़ने के बाद मुकम्मल डाक्टर होने के लिए एनएमसी जैसी सख्त परिक्षा से गुजरना होता है,ऐसे में बेलारूस स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी बेलारूस (यूरोप) से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर एफ एम जी ई (फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम) पास कर लेना आसान नहीं है,वह भी पहले ही प्रयास में। हर्षिता पाठक की कामयाबी की चर्चा क्षेत्र ज्वार में खूब है।

Education homeslider

यूपी बोर्ड की बड़ी खबरें :  नकल करते पकड़े गए तो नहीं जांची जाएंगी कापियां

नकल करवाने वालों पर एक करोड़ जुर्माना या कारावास की सजा यूपी बोर्ड परीक्षा में पहली बार की ऐसी व्यवस्था लखनऊ।   उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा 2025 की शुरुआत 24 फरवरी से हो रही है और इस बार यूपी बोर्ड ने परीक्षा की प्रक्रिया में कई अहम बदलाव किए हैं। खासकर नकल को लेकर नई व्यवस्था […]

Read More
Education Uncategorized

स्वावलंबी बने गांधी के ग्राम स्वराज्य की कल्पना

-पढ़ाई के साथ कुटीर उद्योग बीकेमणि बिना किसी की मदद के जीवन यापन कर लेना स्वावलंबन है। महात्मा गांधी ने चरखा चला कर स्वावलंबी बऩने की सीख दी। मुझे फख्र है कि आजादी के बाद भी चरखा आंदोलन चलता रहा। हमारे घर चरखा आया,जिसे घर के सभी सदस्य नित्य चलाने लगे और सात साल की […]

Read More
Education Uncategorized

सरल व्यक्तित्व दृढ़ निष्ठा के धनी थे -लाल बहादुर शास्त्री

आजादी के आंदोलन मे गांधी जी से प्रभावित रेल दुर्घटना पर मंत्रिपद से दिया इस्तीफा प्रधान मंत्री के रूप मे एक सशक्त नेता “जय जवान जय किसान” का दिया नारा     बी के मणि त्रिपाठी 2अक्टूबर,1984 को जन्में लालबहादुर शास्त्री गरीब परिवार के थे। पढ़ाई के लिए इंगलैंड नहीं जासकते थे‌,परंतु पढ़ाई कि ललक […]

Read More