
- मनचाही बैरेक में जाने के बंदियों को देना पड़ रहा 7000 रुपए
- कैंटीन में मनचाहे दामों पर बेची जा रही खानपान की वस्तुएं
- मुफ्त मुलाकात पर्ची के लिए वसूले जा रहे 10 रुपए प्रति व्यक्ति
लखनऊ। भ्रष्टाचार के मामले में मुरादाबाद जेल प्रदेश की नंबर वन जेल बन गई है। इस जेल में सत्ता परिवर्तन के बाद बंदियों को सुविधाएं देने के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी गई है। बंदियों से मनमाफिक बैरेक में जाने के लिए 7000 रुपए लिए जा रहे है। यह बात हम नहीं मुरादाबाद अपना दल कमेरावादी के मंडल पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन और जेल के अधीक्षक को सौंपे गए ज्ञापन में कही है। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि जेल में बंदियों से प्रतिदिन पांच से सात लाख रुपए की अवैध वसूली कर कमाई करने में जुटे हुए है। इनका कहना है कि नाम के पहले अक्षर से (अल्फाबेटिकल) बैरेक में जाने से बचने के लिए बंदियों को 7000 रुपए की मोटी रकम देने के विवश होना पड़ रहा है। बैठकी और मशक्कत के नाम पर 4000 रुपए वसूल किए जा रहे है। इनका आरोप है कि मुलाकात पर्ची के लिए प्रति व्यक्ति 10 रुपए वसूल किए जा रहे है। जबकि नियमानुसार एक पर्ची पर तीन व्यक्ति निःशुल्क मुलाकात कर सकते हैं।
जेल के अंदर बंदियों के कल्याण के लिए संचालित की जा रही कैंटीन तो अफसरों की कमाई का मुख्य स्रोत बन गई है। कैंटीन की बिक्री में बढ़ोत्तरी करने के लिए जेल में बंदियों को घटिया भोजन परोसा जा रहा है। बंदियों को जो दाल परोसी जा रही है उसमें दाल ढूंढे नहीं मिलती है। रोटियों का तो और ही बुरा हाल हैं। चाय तो ऐसी दी जाती है जिसे जानवर भी देखना पसंद नहीं करते है। कैंटीन में जेल के बाहर आसानी से 15 रुपए में मिलने वाली खाद्य सामग्री को 50 से 60 रुपए में बेचा जा रहा है। जेल में प्रवेश की प्रतिबंधित वस्तुओं की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। पान, बीडी, मसाला, सिगरेट, तंबाकू, गांजा, चरस और ब्लेड को अनाप शनाप दामों पर बेचा जा रहा है। मंडल पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जेल प्रशासन के भ्रष्टाचार को यदि रोका नहीं गया तो वह लोग धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और दोषी अधिकारियों का पुतला फूंकने के लिए विवश होंगे। उधर इस संबंध में जब मुरादाबाद जेल अधीक्षक आलोक सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा।
शुरू हो गया मुरादाबाद में लूट का खेल
बीते दिनों शासन में सैटिंग गेटिंग से बांदा से मुरादाबाद जेल पहुंचे अधीक्षक आलोक सिंह ने जेल में लूट मचाना शुरू कर दिया। सूत्रों का कहना है प्रभार संभालने के बाद ही उन्होंने बंदियों से सुविधा देने के नाम पर होने वाली वसूली के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी। पहले मनमाफिक बैरेक में जाने के लिए 4000 रुपए लिए जाते थे इसे बढ़ाकर 7000 रुपए कर दिया। यह तो एक बानगी भर है। इसी प्रकार उन्होंने मशक्कत, बैठकी, कैंटीन और मुलाकात के दामों में दो गुना तक बढ़ोत्तरी कर दी है। उन्होंने बंदियों के साथ उनके परिजनों का भी शोषण करना शुरू कर दिया। जेल प्रशासन की अवैध वसूली से बंदियों और बंदियों के परिजनों में खासा आक्रोश व्याप्त है। आलम यह हो गया है कि अब राजनैतिक दल ने भी जेल में हो रही अवैध वसूली के खिलाफ बिगुल फूंककर विभागीय अधिकारियों में जरूर हलचल मचा दी है।