
- बैंक के एक ही खाते से दिए गए 95 एप्लिकेशन
- सभी फर्जी आवेदानों में पश्चिम बंगाल के यूसुफ के बैंक खाते का इस्तेमाल
नया लुक ब्यूरो
रांची। प्रायः रोज मीडिया में मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी का खुलासा हो रहा है। सबसे ज्यादा शिकायत बोकारो जिले से आ रही है। उपायुक्त ने मामला दर्ज कराया जा रहा है। ससम्मान दी गयी राशि वापस लेने की कवायद चल रही है। लेकिन इस बात पर सभी ने चुप्पी साध रखी है कि आखिर इतनी बड़ी गलती हुई कैसे कैसे बंगाल के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए। बोकारो से मिले केस स्टडी से यह साफ हो चुका है कि सरकार की जैप आईटी की गलती की वजह से सारी गड़बड़ी हुई।
क्या है जैप आईटी की गलती
मंईयां सम्मान योजना का साफ्टवेयर जैप आइटी ने तैयार किया था। साफ्टवेयर में पीएच कार्डधारियों का डाटा तो स्वतः राशन कार्ड के साथ अंकित हो जाता था। पर सादा व अन्य कार्ड के मामले में यह इंट्री करने वाले को आगे बढ़ने की अनुमति दे देता था। हाल में ही युसूफ नाम के व्यक्ति के खाते में गड़बड़ी होने की बात बोकारो डीसी ऑफिस कर रहा है। पुख्ता सूत्रों का कहना है कि जो राशन कार्ड नंबर युसूफ के लिए प्रयुक्त हुआ है, उसकी शुरुआत 0064 से है। जबकि पीएच कार्ड 20 से तथा सफेद कार्ड 21 से शुरू होता है. ऐसे में साफ हो रहा है कि साफ्टवेयर में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई।
इतना ही नहीं चुनाव से पहले आवेदन स्वीकृत करने के चक्कर में जिला के सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक ने दो माह में डाटा को देखने की कोशिश भी नहीं की ऐसे में यह साफ होता है कि जैप आईटी के साथ सामाजिक सुरक्षा के सहायक भी इस पूरे खामियाजा के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन इतनी गड़बड़ी आने के बावजूद सरकार की तरफ से बड़े आरोपियों के खिलाफ कुछ नहीं किया जा रहा है. बल्कि निशाने पर छोटी मछलियां ही हैं।
बोकारो के कसमार से आया था पहला मामला
बोकारो जिले के कसमार प्रखंड की घटना के बाद अब बोकारो जिले में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) में और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में मंईयां सम्मान योजना की वेबसाइट को भेदकर 11200 डुप्लीकेट आवेदन डाल दिए गए और तो और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के पतागोड़ा, बड़ाखांती निवासी यूसुफ नामक व्यक्ति के बैंक खाता संख्या 100253387047 का इस्तेमाल 95 बार किया गया। इन सभी आवेदनों की इंट्री झारखंड राज्य के पलामू जिले के डालटेनगंज के मेदनीनगर स्थित सीएससी वीएलई सुमीत कुमार के आइडी सं. 542316220013 से किया गया. युसूफ के खाते का उपयोग अलग-अलग नाम से अलग-अलग प्रखंडों से कुल 95 बार हुआ. इसमें से सबसे अधिक चास प्रखंड – चास नगर निगम क्षेत्र से कुल 67 बार एवं गोमिया प्रखंड से 28 बार आवेदन किया गया है। जांच क्रम में यह पता चला है कि इंडसइंड बैंक में ही ऐसे ज्यादातर बैंक खाता खुले हैं।
इस दौरान दर्ज राशन कार्ड का संख्या भी फर्जी अंकित है, जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इसकी पुष्टी की है, वहीं, सभी नामों के उपनाम में किस्कू, हांसदा और मुर्मू शब्द जोड़ा गया है। 21 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किया गया है। जिले के लापरवाह सीओ और बीडीओ ने जल्दबाजी में आवेदन भी स्वीकृत कर दिया। हालांकि यह बात समाने आई कि एक ही बैंक एकाउंट वाले खाते में दोबारा राशि नहीं भेजने की सूचना विभाग ने बैंक को पहले ही दिया था इसलिए राशि गई की नहीं यह जांच का विषय है।