PM बनने की ललक और CM भी ना रहने की कसक…

शाश्वत तिवारी
   शाश्वत तिवारी

दिल्ली चुनाव के नतीजे आ गए और आम आदमी पार्टी 10 साल बाद सत्ता से बेदखल हो गई है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज जैसे दिग्गज भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। नई दिल्ली सीट से केजरीवाल का ये चौथा चुनाव था और वे यहां पहली बार हार गए। इससे पहले 2014 में भी केजरीवाल को को वाराणसी लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में उतरे थे और 3 लाख 71 हजार से ज्यादा वोटों से पिछड़ गए थे। सवाल उठ रहा है कि सालभर पहले तक PM बनने की ललक रखने वाले अरविंद केजरीवाल के हाथ से CM की कुर्सी भी फिसल गई है। ऐसे में अब वे क्या करेंगे? केजरीवाल की आगे क्या रणनीति होगी ?

केजरीवाल बोले – लोगों की सेवा करते रहेंगे,

दरअसल, इस चुनाव प्रचार में केजरीवाल खुलकर कहते देखे गए कि जीत के बाद वो ही दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री होंगे। अब चुनावी हार के बाद केजरीवाल ने आगे का प्लान बताया है। उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी दिल्ली में अब सक्रिय विपक्ष की भूमिका निभाएगी। केजरीवाल ने अभी यह साफ नहीं किया कि वे क्या भूमिका निभाएंगे? केजरीवाल का कहना था कि हम ना सिर्फ एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे, बल्कि लोगों के बीच रहेंगे और उनकी सेवा करते रहेंगे।

साल भर पहले तक दिखी PM बनने की ललक?

साल 2023 विपक्षी खेमा लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा था। सारे दल एक साथ आए और मोर्चे का नाम दिया- इंडिया ब्लॉक। पीएम फेस पर चर्चा हुई तो AAP ने खुलकर अपनी इच्छा जताई और अरविंद केजरीवाल के नाम को प्रोजेक्ट किया। AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने एक बयान में कहा अगर आप मुझसे पूछें। तो मैं चाहूंगी कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि इतनी कमरतोड़ महंगाई में भी दिल्ली में सबसे कम महंगाई है। मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा है। फिर भी सरप्लस बजट पेश किया। वो लोगों के मुद्दों को उठाते हैं और बीजेपी के लिए एक चुनौती के रूप में उभरे हैं।

PM के सवाल पर क्या बोले थे केजरीवाल?

इस संबंध में अरविंद केजरीवाल से भी सवाल पूछे गए तो वे टालकर निकल गए। हालांकि, केजरीवाल में भी PM बनने की ललक देखने को मिली। एक इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा अगर इंडिया ब्लॉक लोकसभा चुनाव जीतता है और AAP जैसी छोटी पार्टी सिर्फ 22 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो मेरा अगला प्रधानमंत्री बनने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन जब राहुल गांधी को संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में सवाल पूछा गया तो केजरीवाल ने कहा ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है। यह एक सैद्धांतिक सवाल है। हम जब साथ बैठेंगे, तब इस पर चर्चा करेंगे। केजरीवाल का कहना था कि इंडिया ब्लॉक के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद किया जाएगा।

और अब रह गई CM भी ना रहने की कसक

शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को मार्च 2024 में जेल भेजा गया, 156 दिन बाद सितंबर 2024 में केजरीवाल को जमानत मिली और वे बाहर आए तो सबसे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और ऐलान किया कि वे चुनाव जीतकर ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। केजरीवाल का कहना था कि जनता तय करेगी कि वो ईमानदार हैं या नहीं। जब तक जनता उन्हें दोबारा ननहीं चुनती है, तब तक वो सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। हालांकि, इस हार के बाद केजरीवाल के मन में CM रहने की कसक बाकी रह गई।

अब आगे क्या करेंगे केजरीवाल?

केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को ‘आम आदमी पार्टी’ लॉन्च की। करीब 12 साल बाद AAP ना सिर्फ राष्ट्रीय पार्टी बन गई, बल्कि बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बाद चौथे नंबर पर आ गई है। AAP के देश में सबसे ज्यादा विधायक चुने गए। दिल्ली के बाद पंजाब में भी सरकार बनाई। एमसीडी पर भी कब्जा हो गया, गुजरात और गोवा में भी पार्टी की एंट्री हो गई। राज्यसभा में चौथे नंबर की पार्टी है, जिसके सबसे ज्यादा सांसद हैं।

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