
- एटा जेलर आवास पर महिला हंगामे का मामला
- जेलर आवास पर हंगामा काटने वाली महिला ने दर्ज कराई एफआईआर
- यौन शोषण और गर्भपात कराने जैसे लगाए गंभीर आरोप
राकेश यादव
लखनऊ। एटा जिला जेल के जेलर के खिलाफ वीडियो वायरल होने के बाद कोई कार्रवाई की गई क्या? इस सवाल के जवाब में आगरा/कानपुर जेल परिक्षेत्र के डीआईजी का जवाब था कि उपद्रव करने वाली महिला की ओर से मामले की कोई प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं कराई है इसलिए कार्यवाही का कोई औचित्य नहीं बनता है। हंगामा काटने वाली महिला की ओर से एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी जेलर के खिलाफ कार्रवाई होगी कि नहीं। यह सवाल विभागीय अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
चर्चा तो यह तक है कि मोटा लेनदेन करके विभाग के उच्चाधिकारियों ने जेलर को बचा लिया था लेकिन मामले की एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में आ गया है। गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद अब आरोपी जेलर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
मालूम हो कि बीती 10 फरवरी को एटा जिला जेल परिसर का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक महिला ने जेल परिसर में स्थित जेलर आवास पर पहुंचकर जमकर हंगामा काटा। वायरल वीडियो में महिला जेलर आवास के दरवाजे को पीट पीट का खोलने की गुहार लगा रही है। महिला का आरोप है कि जेलर ने जीवन बर्बाद कर दिया है। जेलर आवास के सुरक्षा में तैनात वार्डर महिला से हाथ जोड़कर वापस जाने की गुहार लगा रहा। इसके बाद भी महिला दरवाजा पीटने में लगी रही।
दरवाजा खुलने पर महिला और जेलर के बीच नोंकझोंक और हाथापाई भी हुई थी। महिला का आरोप था कि जेलर ने उसका शोषण किया है। वायरल वीडियो से जेल महकमे में खलबली मची हुई है।
मामला सुर्खियों में आने के बाद आगरा/कानपुर जेल परिक्षेत्र के प्रभारी डीआईजी प्रेमनाथ पांडे ने मामले की जांच एटा जेल अधीक्षक को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद मामले को मोटा लेनदेन करके दबा दिया गया। इस संबंध में जब डीआईजी प्रेमनाथ पांडे से बातचीत की गई थी तो उन्होंने ने बताया था कि मामले में महिला की ओर से अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है। इसलिए कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं बनता है। अब महिला की ओर से एटा जेलर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और गर्भपात कराने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
मामला दर्ज होने के बाद आरोपी जेलर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। इससे पूर्व में एटा जेल के वार्डर के वायरल वीडियो में जेलर पर कर्मियों का उत्पीड़न करने और महिलाओं का शोषण करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच में जेलर को क्लीन चिट दे दी गई थी। उधर इस संबंध में आईजी जेल पीवी रमाचशास्त्री और डीआईजी प्रेमनाथ पांडे से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा।
डीआईजी को नहीं रहती परिक्षेत्र के जेलों की कोई जानकारी
फतेहगढ़ जिला जेल में अधीक्षक और जेलर को अचानक हटाए जाने के सवाल पर कानपुर जेल परिक्षेत्र के डीआईजी प्रेमनाथ पांडे ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि जेलर और अधीक्षक को क्यों हटाया गया है। विभाग के अधिकारियों को हटाने और तैनात करने की जिम्मेदारी शासन और कारागार मुख्यालय की होती है।
जब यह पूछा गया कि शासन और मुख्यालय में बैठे अफसर लखनऊ में बैठकर फतेहगढ़ जेल की घटना देख रहे थे जो उन्होंने आनन फानन में कार्रवाई कर डाली। उनसे जब पूछा गया कि आपके परिक्षेत्र की जेल में कोई घटना होती है तो आपको उसकी जानकारी नहीं होती है और शासन, मुख्यालय कार्रवाई कर देता है फिर भी आपको यह नहीं पता कि कार्रवाई क्यों की गई।