
- मारपीट के आरोपी डिप्टी जेलर को बचाने की चल रही कवायद
- डिप्टी जेलर की श्रावस्ती ड्यूटी लगाने के बाद नहीं किया गया रिलीव
राकेश यादव
लखनऊ। पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार का आदेश जेल अधीक्षक के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि आदर्श कारागार में तैनात डिप्टी जेलर की आईजी जेल ने श्रावस्ती जेल पर अस्थाई ड्यूटी लगाई। इस आदेश के एक पखवारा बीत जाने के बाद भी डिप्टी जेलर को अभी तक रिलीव नहीं किया गया है। चर्चा है कि जेलकर्मी से मारपीट करने के आरोपी डिप्टी जेलर को बचाने की कवायद के तहत यह कार्रवाई की गई है। इस मामले को लेकर जेलकर्मियों में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक बीती 11 मार्च 2025 को आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री के निर्देश पर एआईजी प्रशासन धर्मेंद्र सिंह ने आदर्श कारागार में तैनात डिप्टी जेलर अजीत सिंह को हटाए जाने का आदेश जारी किया। मुख्यालय की ओर से जारी आदेश में डिप्टी जेलर अजीत सिंह को अग्रिम आदेश तक के लिए श्रावस्ती जेल पर अस्थाई ड्यूटी के लिए लगाया गया। जेल पर आदेश आए हुए करीब दस दिन का समय बीत चुका है। आईजी जेल के आदेश के बावजूद अस्थाई ड्यूटी पर लगाए गए डिप्टी जेलर को आदर्श कारागार के प्रभारी अधीक्षक प्रशासन ने अभी तक रिलीव नहीं किया है।
सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों हटाए गए डिप्टी जेलर ने कारागार में तैनात एक ट्रेनर की जेलर कार्यालय में पिटाई कर दी थी। पीड़ित कर्मी ने इसकी शिकायत विभागीय मंत्री से लेकर आईजी, आयोग तक की थी। मामले की जांच चल रही है। जांच के लिए आयोग ने डीआईजी लखनऊ परिक्षेत्र को तलब किया है।
बताया गया है कि आरोपी डिप्टी जेलर को बचाने के लिए आनन फानन में आरोपी डिप्टी जेलर की श्रावस्ती जेल पर अस्थाई ड्यूटी लगा दी गई है। जेल के प्रशासनिक अधीक्षक ने स्वजातीय चहेते आरोपी डिप्टी जेलर को कई कमाऊ उद्योगों का प्रभार सौंप रखा है। करीब दो माह बाद सेवानिवृत होने वाले प्रभारी अधीक्षक प्रशासन इस दौरान कमाई का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते है। इस संबंध में प्रभारी अधीक्षक प्रशासन बृजेंद्र सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने डिप्टी जेलर की ड्यूटी श्रावस्ती जेल पर लगाए जाने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें जल्दी रिलीव कर दिया जाएगा।
रेट वेरिफिकेशन कराए बगैर किया जा रहा भुगतान
आदर्श कारागार में संचालित उद्योगों के लिए ठेकेदारों के माध्यम से रा मटेरियल की आपूर्ति कराई जाती है। सूत्रों का कहना है कि आदर्श कारागार के पूर्व अधीक्षक ने सामानों की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों का भुगतान रेट वेरिफिकेशन कराने के बाद करने का निर्देश दिया था।
पूर्व अधीक्षक का निर्देश फाइलों में कैद कर ठेकेदारों का अनाप शनाप तरीके से भुगतान किया जा रहा है। हकीकत यह है कि जेल में अनाप शनाप दामों पर सामनों की आपूर्ति कराई जा रही है। इसकी पुष्टि जेल के दस्तावेजों से की जा सकती है।