
- एक साथ दोनों भाई देते थे घटना को अंजाम
- ऑटो रिक्शा चलाने की आड़ में करते थे दोनों भाई आपराधिक वारदात
- शुरुआत ठाकुरगंज के की और मलिहाबाद में क्षेत्र हुआ अंत
- अजय द्विवेदी पर दर्ज थे कुल 23 मुकदमे
ए. अहमद सौदागर
लखनऊ। कहते हैं कि जुर्म की दुनिया आने का रास्ता तो है, लेकिन जाने का नहीं। दुबग्गा क्षेत्र के एस – 2/436 बसंत कुंज योजना कालोनी निवासी अजय द्विवेदी की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत और दूसरा भाई दिनेश कुमार द्विवेदी की गिरफ्तारी को पुलिस कुछ इसी नजर से देख रही है। ऑटो रिक्शा चलाने वाले अजय द्विवेदी और उसके भाई दिनेश कुमार द्विवेदी का लम्बा आपराधिक इतिहास देख पुलिस ही नहीं हर शख्स दंग है कि अरे ई-रिक्शा चलाने वाला इतना बड़ा अपराधी निकला।
पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए अजय द्विवेदी पुत्र विजय कुमार द्विवेदी पर पहला मुकदमा ठाकुरगंज, फिर काकोरी, पारा इसके बाद आखिरी मुकदमा मलिहाबाद थाने में दर्ज हुआ और यहीं से बेखौफ अजय द्विवेदी का अंत हुआ। खास बात यह है कि पुलिस के रिकॉर्ड इस बात की गवाही दे रहे हैं कि दिनेश कुमार द्विवेदी व अजय द्विवेदी दोनों भाई मिलकर राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज सहित अन्य थाना क्षेत्रों में घटनाओं को अंजाम देने के बाद फिर ऑटो रिक्शा चलाने लगते थे कि पुलिस या फिर किसी को पता न चल सके।
19 मार्च 2025 को अयोध्या निवासी 32 वर्षीय महिला इंटरव्यू देकर ऑटो में सवार होकर वापस चिनहट क्षेत्र स्थित अपने भाई के यहां आ रही थी कि इसी दौरान बेखौफ ऑटो रिक्शा चालक ने अगवा कर महिला की मलिहाबाद क्षेत्र में हत्या कर दी।
इस घटना के बाद से सक्रिय हुई कमिश्नरेट पुलिस ने गहनता से जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि महिला की जान किसी और ने नहीं ऑटो रिक्शा चलाने वाले अजय द्विवेदी और उसके भाई दिनेश कुमार द्विवेदी ने ही की है। ठोस सबूत मिलते ही पुलिस ने बसंत कुंज योजना कालोनी निवासी दिनेश कुमार द्विवेदी को पकड़ा और उसके बाद कुछ ही देर में हत्यारे अजय द्विवेदी की शुक्रवार देर शाम पुलिस से मुठभेड़ हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस को देख अजय ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग झोंकनी शुरू कर दी लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हैवान अजय द्विवेदी का खात्मा हो गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।