
- अभियान चलाकर भी पुलिस नहीं कस पा रही नकेल
- कागज़ों पर कार्रवाई, बेखौफ अपराधी
ए अहमद सौदागर
मार्च 2017 में जब उत्तर प्रदेश के फलक पर भगवा रंग फहरा था, तभी लोगों में उम्मीद की बड़ी किरण पनप उठी थी कि अब यूपी में आतंक का सफाया हो जाएगा। जाहिर है, कि भगवा रंग को सत्य का प्रतीक भी कहा जाता है। ऊपर से तीन दिन बाद जब सूबे के वजीर-ए-आला के रूप में योगी आदित्यनाथ का नाम तय हुआ, तभी यह तय हो गया था कि यूपी के माफिया और भ्रष्टाचार का खात्मा तय है। हुआ भी वही, योगी ने सूबे के बड़े-बड़े माफिया को धराशायी कर दिया और पुलिस कमिश्नरेट बनाना शुरू कर दिया। लेकिन सूबे की राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां पुलिस कमिश्नरेट (Police Commissionerate) सफल होती नहीं दिख रही है।
राजधानी लखनऊ की पांच घटनाएं पढ़िए। यह महज बानगी भर है इससे पहले भी कई बहू-बेटियां दरिंदों का निशाना बन चुकी हैं। देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद यूपी पुलिस ने महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा के लिए तमाम तरह की योजनाएं बनाई, लेकिन कड़वा सच यह है कि हैवानों के आगे सब फेल साबित होकर रह गई। नतीजतन आज भी बेखौफ बदमाशों का बहू बेटियों के ऊपर कहर जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रही है।
- दो फरवरी 2015- वृन्दावन सेक्टर नौ में शहीद पथ के नीचे सर्विस लेन पर अमीनाबाद निवासी एलएलबी की छात्रा 20 वर्षीय गौरी की बेरहमी से हत्या।
- 17 जुलाई 2014- मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में 25 वर्षीय युवती की दरिंदगी के बाद हत्या कर दी गई।
- 15 फरवरी 2016- जानकीपुरम से लापता हुई 12वीं की रेप के बाद बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। उसका खून से लथपथ शव सीएम आवास से कुछ दूरी पर स्थित नाले के किनारे जंगल में पड़ा मिला था। पुलिस ने घटना का खुलासा कर कातिलों को सलाखों के पीछे भेजा, लेकिन छात्रा का बैग और साइकिल आज तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी।
- 10 जुलाई 2023- बंथरा क्षेत्र में ऑटो रिक्शा में सवार होकर इंटरव्यू देने गई छात्रा की हत्यारों ने हत्या कर दी। उसका खून से लथपथ शव अमावा जंगल में पड़ा मिला था।
- 19 मार्च 2025- ऑटो सवार महिला की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर मौत की नींद सुला दिया गया। उसका शव मलिहाबाद क्षेत्र में आम की बाग में पड़ा मिला। अयोध्या निवासी 32 वर्षीय महिला इंटरव्यू देने वाराणसी गई थी।
बदमाशों के दुस्साहस का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऑटो में सवार होकर लौट रही महिला मलिहाबाद क्षेत्र में हत्या कर दी गई और पुलिस क्षेत्र में खुद को सक्रिय होने का दावा करती रह गई। हाई सिक्योरिटी जोन (High Security Zone) हो या फिर आम स्थान बेखौफ दरिंदों का आतंक थम नहीं रहा है। मलिहाबाद क्षेत्र में 32 वर्षीय महिला की दरिंदगी के बाद हत्या की वारदात ने राजधानी लखनऊ में तेजी से बढ़ रहे दागी ऑटो रिक्शा चालकों के मनबढ़ होने के सवाल को भी खड़ा किया है।

शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में इससे पहले भी कई मासूम व लड़कियां एवं महिलाएं बेखौफ अपराधियों की हवस का शिकार हो चुकी हैं। ताज्जुब की बात यह है कि बेखौफ बदमाश बेधड़क होकर घनी आबादी से लेकर प्रमुख चौराहों से होकर बहू बेटियों को अगवाकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया, लेकिन क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों को जरा भी भनक तक नहीं लग पाती। वैसे तो गौर करें तो चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी ऑटो रिक्शा या फिर मोटरसाइकिलों पर ओवरलोडिंग देख झपट पड़ते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ऑटो चालक महिला को आलमबाग बस स्टैंड से अगवा कर मलिहाबाद क्षेत्र पहुंच गया और कहीं भी पुलिस चेकिंग करना गंवारा नहीं समझा और इसी घोर लापरवाही के चलते महिला जान गई।
लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर ने इस प्रकरण को गम्भीरता से लिया था और आलमबाग के इंसपेक्टर, आलमबाग बस स्टेशन पुलिस चौकी के प्रभारी दारोगा, नाइट इंचार्ज समेत पीआरवी के दो कांस्टेबिलों को सस्पेंड कर दिया है।