
विकासनगर क्षेत्र में हुई घटना से एक बार फिर सच आया सामने
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। दुकान बंद कर जाने वाले सर्राफा कारोबारी या फिर उनके मुनीम लुटेरों के लिए सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं। बेखौफ बदमाशों ने पिछले कुछ दिनों से लेकर अबतक कईयो कारोबारियों एवं उनके मुनीमों को निशाना बनाया। हालांकि पुलिस ने ज्यादातर वारदात को अंजाम देने वालों को दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन विकासनगर क्षेत्र में शुक्रवार को हुई घटना से एक बार फिर सर्राफा कारोबारी और उनके मुनीम अपनी सुरक्षा को लेकर दहशतज़दा हैं।
विकासनगर क्षेत्र में शुक्रवार को सर्राफा कारोबारी पंकज अग्रवाल के मुनीम अमित निवासी ठाकुरगंज मोटरसाइकिल से विकासनगर सेक्टर चार निवासी किनकर गुप्ता के घर से छह लाख अस्सी हज़ार रुपए लेकर निकले थे कि बाइक सवार बदमाशों ने गन प्वाइंट पर लेकर नोटों से भरा बैग लूटकर भाग निकले।
इस मामले में पुलिस ने लुटेरों की खोज में जुटी लेकिन अभी तक बदमाशों का कुछ सुराग नहीं मिल सका। यह तो शुक्रवार दोपहर को हुई घटना का मामला है। पुलिस की लचर कार्यशैली पर गौर करें तो इससे पहले भी कई सर्राफा कारोबारी और उनके मुनीम बदमाशों का निशाना बन चुके हैं। बीते वर्ष 2023 में नए साल के पहले दिन दुबग्गा क्षेत्र में बाराबंकी के सर्राफ कारोबारी जितेन्द्र की संदिग्ध हालात में हुई मौत व 12 किलो चांदी के जेवरात लूट मामले ने अफसरों की नींद उड़ा दी थी।
यह तो महज बानगी भर है और भी कई सर्राफा कारोबारी बदमाशों का शिकार बन चुके हैं। पुरानी घटनाओं पर गौर करें तो मवैया पुल किराना व्यापारी से दिनदहाड़े लूट हुई। इस मामले का खुलासा कर आलमबाग पुलिस ने तीन लुटेरों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजा। इससे पहले जानकीपुरम क्षेत्र में सर्राफ सुदर्शन उपाध्याय को बदमाशों ने गोली मारी और नोटों से भरा बैग लूट ले गए। इस मामले में जानकीपुरम पुलिस ने छह लुटेरों को पकड़कर लूट के गहने बरामद किया था।
सवाल है कि पुलिस भले ही घटनाओं की रोकथाम के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई, लेकिन कड़वा सच यह है कि आज भी लुटेरों का आतंक बरकरार है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह से शुक्रवार को विकासनगर क्षेत्र में बदमाशों ने सर्राफा कारोबारी पंकज अग्रवाल के मुनीम से लूटपाट की इससे यही लग रहा है कि लुटेरों के कुनबों में गिरावट नहीं बल्कि इजाफा बरकरार है।
चुनौती: लुटेरों ने उड़ाई कमिश्नरेट पुलिस की नींद
राजधानी लखनऊ में बेखौफ लुटेरों ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। इलाकाई या फिर सीमावर्ती जिलों से बाइक से आकर लुटेरों ने से नोटों से भरा बैग लूटते हैं और आराम से भाग निकलते हैं। पुलिस अबतक उनके बारे में छानबीन करती है, तब तक वे शहर की सीमा से बाहर निकल जाते हैं।
राजधानी में चेन लूट, मोबाइल फोन लूट या फिर कलेक्शन एजेंटों से लूट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। अमूमन रोज लूट की कोई न कोई घटना हो रही है। बताते चलें कि पिछले दिनों से लेकर अबतक पुलिस ने कई लुटेरों के गिरोहों के सदस्यों पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजा भी, लेकिन लुटेरों के कुनबा में गिरावट के बजाए इजाफा होता ही दिखाई दे रहा है।
पिछले दिनों पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाशों से जब पुलिस पूछताछ की तो पता चला कि 80 प्रतिशत लुटेरे दूसरे जिलों से आकर वारदात कर रहे हैं। शुक्रवार को विकासनगर क्षेत्र में जिस तरह बाइक सवार दो बदमाशों ने सर्राफा व्यवसाई के कर्मचारी अमित सैनी से लूटपाट की तो इससे यही लग रहा है लुटेरे गैर जनपद के हैं, लेकिन ताना-बाना बुनने वाला इलाकाई बदमाश शामिल होने की आंशका लग रही है। जांच-पड़ताल में जुटे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इससे नकारा नहीं जा सकता लिहाजा इस मामले में कई बिंदुओं पर गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है।