
- राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित चंद कस्टम कमिश्नर समेत कई पदों पर कर चुके थे कार्य
- एयर कारगो से वाराणसी पहुंचेगा इनका पार्थिव शरीर, मणिकर्णिका घाट पर होगा अंतिम संस्कार
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। वो गांव की शान थे। गांव का कोई ऐसा शख्स नहीं, जो उनकी बात न मानता रहा हो। यूँ कहें कि जब किसी समस्या के सभी रास्ते बंद हो जाते थे तो समाधान हेतु लोग उनसे ही सम्पर्क करते थे। वो सबके सुख-दुख में खड़े रहते थे। गांव आने पर अनायास ही लोगों से भोजपुरी अंदाज़ में बात करने लगना और अपनापन दिखाना उनकी आदत में शुमार था। सौम्य स्वभाव उन्हें सबके बीच अनायास लोकप्रिय बना देता था। साल 1987 में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित होने के बाद भी वो लोगों से आम आदमी की तरह मिलते थे। आज जब उन्हें काल ने हमसे छीन लिया, ऐसा लग रहा है जैसे हमने अपना अभिभावक खो दिया। इतना कहते-कहते उनके अनुजवत शिवानंद चंद ‘दीपू’ की आंखें बरस गईं। भर्राए कंठ से वो आगे कुछ भी नहीं बता सके। बस इतना बता पाए कि राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित पूर्व IRS अफसर शिवदयाल चंद का मंगलवार तड़के निधन हो गया। सेवानिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी शिवदयाल चंद ने जैसे ही दुनिया को अलविदा कहा, पूरे गांव एवं आस-पास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी।
शिवानंद कहते हैं कि हम सभी भाई (चन्द्रशेखर कौशिक, राजू चंद एवं शिवानंद चंद) अपने जीवन का सबसे बड़ा आदर्श शिवदयाल चंद जी को ही मानते हैं । विकासखंड गगहा के ग्राम पंचायत नर्रे बुजुर्ग निवासी शिवदयाल चन्द का मुम्बई में इलाज के दौरान मंगलवार तड़के निधन हो गया। वे लम्बे समय से गंभीर बीमारी के चलते अस्वस्थ चल रहे थे। उनका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में चल रहा था।

परिजनों के मुताबिक श्री चंद का पार्थिव शरीर विमान द्वारा बुधवार की सुबह वाराणसी लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। शिवदयाल जी के पिता सिंचाई विभाग में बतौर चीफ इंजीनियर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शिवदयाल जी का चयन साल 1987 में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में हुआ था। श्री चंद अपने सेवाकाल के दौरान कस्टम विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके थे। कलकत्ता में एक समय प्रवर्तन निदेशालय में जब कोई अधिकारी कार्य करना नहीं चाहता था तब उन्होंने उस चुनौती को स्वीकार किया था।
वो अपने पीछे पूरा हंसता-खेलता परिवार छोड़ गए हैं। इनके दोनों पुत्र शार्दुल चंद और विक्रमार्थ चंद मुम्बई में बड़े उद्यमी हैं। वहीं इनके तीन भाइयों में सबसे बड़े ज्ञानेंद्र चंद पेशे से वकील हैं। दूसरे भाई डॉक्टर एससी कौशिक है, गोरखपुर जिले में हड्डी रोग के नामचीन चिकित्सक हैं। वहीं इनके छोटे भाई परमानंद चंद भी बड़े उद्यमी हैं।
इनके निधन से गांव में दुख का माहौल है। इस दुखद खबर को सुनकर केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान, विधायक राजेश त्रिपाठी, M LC सीपी चंद व देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक बांसगांव डॉ. विमलेश पासवान, ब्लॉक प्रमुख शिवाजी चंद, पूर्व प्रधान राणा प्रताप चन्द, दिनकर चंद, संतोष चंद, प्रदीप चंद, मुरारी मौर्य, मनोज चंद, अरविंद चंद, डॉ विजय सिंह, सुनील कुमार सिंह, राजन चंद, विनोद चंद, कल्याण चंद, पप्पू चंद , नेता गिरजेश चंद आदि ने दुख व्यक्त किया है।
भारतीय राजस्व सेवा में उत्कृष्ट कार्य के लिये शिवदयाल चंद को राष्ट्रपति द्वारा भी सम्मानित किया गया था। इनसे प्रेरणा प्राप्त करके इनके छोटे भाई चंद्रशेखर कौशिक उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्य करते हुए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। आज इनके न रहने से पूरा क्षेत्र शोकाकुल है। शिवदयाल जहां गांववासियों के लिये वो अभिमान थे, वहीं क्षेत्र के लोगों के लिये वो प्रेरणा स्रोत भी रहे।