- अभी तक हत्या के कारणों का नहीं चला पता
- यह फ़ैसला आसमानी, सभी को मान लेना चाहिए
- सुरक्षा में लगे सभी 17 पुलिसकर्मी हुए निलम्बित
- लखनऊ के एक पत्रकार चोटिल, एक सिपाही भी घायल
- अचानक हुए हमले से हो जाती है सुरक्षाः शलभ
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। पिछले की महीने 29 तारीख़ थी। बरेली से प्रयागराज पेशी पर लाया गया अशरफ़ खबरनवीसों को बता रहा था कि अगले दो हफ़्ते में मेरी हत्या करा दी जाएगी। उन्होंने यह बातें एक अधिकारी के हवाले से कही है, लेकिन तब उसने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया था। वहीं शनिवार रात की 10.35 बजे कभी यूपी में आतंक का पर्याय रहे माफ़िया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने अतीक की सुरक्षा में लगे सभी 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और पूरे सूबे में हाई अलर्ट कर दिया गया है। इस यूपी के वजीर-ए-आला आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस प्रयागराज के धूमनगंज में कहीं स्पॉट करने पुलिस ले गई थी। वहीं से वो उसे लेकर प्रयागराज मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। बीच में मीडिया वालों ने अतीक अहमद और अशरफ़ कुछ सवाल पूछना चाहा, तभी दो-तीन युवक पत्रकारों के साथ आए और अतीक को बेहद क़रीब से सटाकर गोली मार दिया। जब तक अशरफ़ को कुछ समझ में आता दूसरी गोली अशरफ़ के माथे को भी चीर जाती है और दोनों ही माफ़िया धराशायी हो जाते हैं। ख़बरों के अनुसार मीडियाकर्मियों की आड़ में कुछ लोग अतीक और अशरफ़ के पास पहुँचे थे। प्रयागराज पुलिस का कहना है कि तीन लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।
प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा के दौरान अस्पताल से वापस जाते समय कैमरे के सामने माफ़िया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ को तीन युवाओं ने गोली मार दी, जहां दोनो की मौके पर मौत हो गई, पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया है।
अतीक की हत्या के बाद लड़कों ने जय श्री राम के नारे लगाए। तीनों के नाम क्रमशः लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सन्नी है। कम उम्र के इन तीन लड़कों ने लगभग 15 राउंड फायरिंग की और खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हालाँकि पूछताछ में सनसनीख़ेज़ जानकारी सामने आने की संभावना बन रही है।
हालाँकि इस घटना के बाद UP पुलिस और योगी सरकार पर सवाल उठने लगे हैं।समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि यूपी में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस अभिरक्षा में गैंगस्टर की हत्या के बाद असदुद्दीन ओवैसी अखिलेश यादव जयंत चौधरी ने योगी सरकार पर सवाल उठाए,हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ इस मामले पर खुद नजर बनाए हुए हैं। उन्होनें उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना कहते हैं कि यह आसमानी फ़ैसला है, इसे स्वीकार कर लेना चाहिए। वहीं कांग्रेस के पूर्व नेता और सपा से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल कहते हैं कि यह केवल अतीक और अशरफ़ की हत्या नहीं है, पूरे क़ानून-व्यवस्था की हत्या कर दी गई है। वह कहते हैं कि जब दोनों भाइयों ने अपनी हत्या की आशंका जताई गई थी, तब उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दिया गया।
इसी बीच प्रयागराज में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। कई संवेदनशील इलाकों में पुलिसबल तैनात कर दिए गए हैं। आसपास के जिलों से प्रयागराज पुलिस फोर्स को भेजा गया है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के सभी आला अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर जमा है। उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई है और हाईलेवल बैठक में आगे की कार्रवाई तय होगी। सूत्रों का कहना है कि तीनों आरोपियों को तीन अलग-अलग थानों में रखा गया है और उनसे अलग-अलग पूछताछ की जी रही है।