श्रीनगर। केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी में सभी जगहों पर बड़ी संख्या में ईद-उल-फितर की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में अदा की गयी और पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनायी गयी। डल झील के किनारे स्थित हजरतबल दरगाह में बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा देखा गया। सभी यहां ने एकत्र होकर नमाज अदा की और एक-दूसरे को गले लगातार भाईचारे का संदेश दिया। अधिकारियों ने कहा कि पूरी घाटी में ईद की नमाज शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुई। प्रशासन ने श्रीनगर के जामिया मस्जिद में आज नमाज अदा करने की अनुमति नही दी। अधिकारियों ने शब-ए-कद्र और रमजान के आखिरी शुक्रवार को इस मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति प्रदान की थी।
जामिया मस्जिद के प्रबंध निकाय अंजुमन औकाफ ने मस्जिद ने लगातार चौथे वर्ष ईद की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं देने पर प्रशासन के खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अंजुमन ने कहा था कि पुलिस और अधिकारियों ने शुक्रवार देर शाम उन्हें सूचित किया कि जामिया मस्जिद में ईद की नमाज केवल तभी पढ़ी जा सकती है जब यह सुबह 7.30 बजे से पहले अदा की जाएगी, जो कि उनके लिए असंभव था क्योंकि पहले ही सुबह नौ बजे ईद की नमाज अदा करने का कार्यक्रम बन चुका था। मस्जिद में दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग ईद की नमाज अदा करने आते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा ईद की नमाज की अनुमति प्रदान करने लिए अनुचित शर्तें लागू की गई हैं। प्रबंधन निकाय ने कहा कि श्रीनगर की जामिया मस्जिद कश्मीर घाटी में सामूहिक नमाज अदा करने का केंद्रीय स्थल है, न कि कोई स्थानीय मस्जिद। पूरी घाटी के लोगों के लिए जामिया मस्जिद तक पहुंचने की सुविधा को देखते हुए सामूहिक नमाज का समय निर्धारित किया जाता है। यह अजीब बात है कि अगर अन्य सभी स्थानों पर सामूहिक नमाज की अनुमति प्रदान की जा सकती है, तो जामिया मस्जिद में क्यों नहीं और यहां अनुचित शर्तें क्यों लागू की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस बात को पूरी तरह नहीं समझ पा रहे हैं कि जब जामिया मस्जिद में बड़ी संख्या में लोगों ने शांतिपूर्ण माहौल में शब-ए-कद्र और जुम्मत-उल-विदा नमाज का आयोजन किया गया था, लेकिन ईद की नमाज पर रोक क्यों लगाई गई? रमजान महीने का समापन होने के बाद ईद-उल-फितर का जश्न शनिवार को पूरे कश्मीर घाटी में गर्मजोशी के साथ शुरू हुआ। ईद का जश्न आज सुबह से ही शुरू हो गया और हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विशेष नमाज अदा की। शहर में मुख्य नमाज हजरतबल दरगाह में आयोजित की गई। ईद-उल-फितर शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है, जो रमजान के बाद आने वाले चंद्र इस्लामी कैलेंडर में एक महीना है। केन्द्र शासित प्रदेश के अन्य जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सभी स्थानों पर ईद की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में अदा की गई।