डॉ उमाशंकर मिश्रा
हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 23 अप्रैल 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2080
शक संवत – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया सुबह 08:08 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 12:56 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग – सौभाग्य सुबह 09:04 तक तत्पश्चात शोभन
राहुकाल – शाम 04:30 से शाम 06:00 तक
सूर्योदय – 05:36
सूर्यास्त – 18:24
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी
विशेष – तृतीया – रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।