डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने अन्न के प्रति लोगों को जागरूक करने की अनूठी पहल की। उनकी प्रेरणा से राजभवन की एक शाम अन्न के साथ रही। इस शाम के व्यंजन खास थे। इनमें रागी, बाजरा,कोंदो के लड्डू, बाजरे की खीर, ज्वार के ढोकले, मल्टीग्रेन पोहा, बाजरे की चाट, सांवा की खीर और पुए शामिल थे। कुछ दशक पहले तक य़ह व्यंजन भारतीय जीवन शैली में शामिल हुआ करते थे। रसोई से इनकी ही सुगंध बिखरती थी। राजभवन एक बार फिर उन्हीं व्यंजनों से महक उठा। राज्यपाल ने राजभवन में कार्यरत महिलाओं द्वारा बनाए मोटे अनाज-श्रीअन्न से बने व्यंजनों का आंनद लिया। ये व्यंजन राजभवन में कार्यरत महिलाएं अपने घरों से बनाकर लाई थीं। उन्होंने सभी सहकर्मियों के लिए इन व्यंजनों को परोसा। मोटे अनाज के स्वादिष्ट व्यंजनों की सुगन्ध में अनायास ही सहकर्मी इन व्यंजनों को बनाने की विधि पूँछते नजर आए।
राज्यपाल ने विविधतापूर्ण व्यंजनों की रैसिपी बुक बनाने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि व्यंजनों के स्वाद घर के बच्चों में विकसित करें, जिससे वे पौष्टिकता प्राप्त करे। स्वस्थ और मजबूत बने। प्रधानमंत्री ने जब विश्व पटल पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव रखा, तो पूरे विश्व ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। शीर्ष नेतृत्व हमेशा बड़े स्तर पर सबकी बेहतरी के लिए सोचता है। राज्यपाल ने राजभवन के पुरूष कर्मियों को भी मोटे अनाज के व्यंजन निर्माण के लिए प्रेरित किया। महिला कर्मचारी रीता यादव की चटनी पर लिखी कविता भी आकर्षण का केंद्र रही। इस अवसर पर अपर सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी सहित राजभवन के महिल एवं पुरूष कर्मचारी उपस्थित रहे।