रकाश सिंह बादल पंचतत्व में विलीन, अंतिम समय में अनेक बड़ी शख्सियतें हुईं शामिल

मुक्तसर। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक एवं पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल (96) का आज मुक्तसर जिले में उनके पैतृक गांव बादल में अपराह्न करीब पौने तीन बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।  बादल के शव को अंतिम यात्रा से पूर्व तिरंगे में लपेटा गया। उनकी अंतिम यात्रा अपराह्न करीब एक बजे उनके घर से निकट ही लगभग एक किलोमीटर दूरी पर स्थित किन्नू के बाग के लिये रवाना हुई। इस बाग वाली जमीन में अंतिम संस्कार के लिये 50 फुट लम्बा और 30 फुट चौड़ा एक चबूतरा तैयार किया गया था। इसी चबूतरे को बाद में स्मारक में तब्दील कर दिया जाएगा। किन्नू के इस बाग के साथ बादल का विशेष जुड़ाव था। वह यहां किन्नू के पेड़ लगाने से लेकर निगरानी तक का काम स्वयं करते थे और गांव आने पर अक्सर यहीं बैठते थे। बादल की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर ओर ‘प्रकाश सिंह बादल अमर रहे‘ के नारे गूंज रहे थे। पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर और हवाई फायर कर दिवंगत नेता को सलामी दी। अंतिम संस्कार से पूर्व श्री बादल के पार्थिव शरीर से राष्ट्रीय ध्वज हटा कर उनके परिवार को सौंपा गया। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले उन्होंने पिता के शव पर अपना सिर टेक कर उन्हें अंतिम विदाई दी।

इस गमगीन मौके पर कद्दावर अकाली नेता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिये विभिन्न दलों के नेता बादल गांव पहुंचे। इनमें पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकापां) प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओम प्रकाश चौटाला, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा अमरिंदर सिंह वडिंग, प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, बादल परिवार के सदस्यों, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष, शिअद और अन्य दलों के अनेक नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा आम जनता ने वयोवृद्ध नेता को अंतिम विदाई  दी।

इस मौके पर सुख-दुख और हर समय बादल के साथ रहे सुरक्षाकर्मियों ने भी अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में अनेक अति विशिष्ट लोगों और शख्सियतों के पहुंचने के मद्देनजर समूचे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे। बादल गांव में मुक्तसर, फाजिल्का, फिरोजपुर और फरीदकोट जिलों की पुलिस की तैनाती की गई थी। पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन ने दिवंगत नेता के सम्मान में आज सरकारी अवकाश की घोषणा की है, वहीं केंद्र सरकार ने भी बादल के निधन पर दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

इससे पहले बुधवार सुबह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-28 स्थित शिअद मुख्यालय में रखा गया था, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये विशेष रूप से चंडीगढ़ पहुंचे थे। इसके बाद दोपहर को बादल का परिवार पार्थिव शरीर को लेकर चंडीगढ़ से बादल गांव के लिए रवाना हुआ। रास्ते में राजपुरा, पटियाला, संगरूर, बरनाला और बठिंडा में अनेक लोगों ने अपने नेता को विदाई देने के साथ पुष्प अर्पित किये। रात को बादल का पार्थिव शरीर बादल गांव पहुंचा तथा आज अंतिम दर्शनों के लिये रखा गया।  (वार्ता)

 

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