मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे दावेदार
आर के यादव
लखनऊ। निकाय चुनाव प्रथम चरण का प्रचार बंद होने के बाद प्रत्याशियों की ओर से जमकर नकदी और उपहार बांटे गए। मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी प्रत्याशी ने साड़ी, पायल और बिछिया बांटी तो किसी ने मोहल्लों के वोट के ठेकेदारों को वोट के हिसाब से 15 से 20 हजार रुपए तक की नगद धनराशि वितरित की गई। उधर प्रत्याशियों का कहना है कि विरोधी बदनाम कर रहे हैं। इस मामले में प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप लगाकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।
यह हाल सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र के कई वार्डो में दिखने को मिला। विधानसभा के शहरी इलाके के विद्यावती प्रथम, विद्यावती तृतीय, महाराजा बिजली पासी प्रथम, शारदा नगर प्रथम समेत अन्य कई वार्डो में देखने को मिला। महाराजा बिजली पासी प्रथम वार्ड में मुख्य मुकाबला भाजपा की ज्योति पाल और सपा की रजनी यादव के बीच होने की संभावना जताई जा रही है। इन दोनों प्रत्याशियों का गणित बसपा, आप के साथ सपा के बागी उम्मीदवार बिगाड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा, सपा, बसपा एवं निर्दल प्रत्याशियों की ओर से मतदाताओं को लुभाने के लिए वोट के ठेकेदारों को नगद धनराशि के अलावा उपहार स्वरूप साड़ी, पायल और बिछिया तक बांटे जा रर्हे हैं। इस संबंध में जब सपा प्रत्याशियों से बात की गई तो उनका कहना है उपहार बांटने की बात कहकर बदनाम किया जा रहा है।
विद्यावती तृतीय और प्रथम वार्ड में लड़ाई रोचक हो गई है। विद्यावती तृतीय वार्ड में निर्दल आप प्रत्याशी ने भाजपा और सपा प्रत्याशियों का गणित बिगाड़ रखा है। दो बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में जीत विद्यावती प्रथम (वर्तमान में तृतीय ) के राजेंद्र पांडे को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। इस पर उन्होंने अपनी पत्नी सुष्मिता पांडे को निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। इसी वार्ड से आम आदमी पार्टी की युवा प्रत्याशी रेखा चतुर्वेदी को भी वार्ड में मतदाताओं का खासा समर्थन मिल रहा है। इन दोनो प्रत्याशियों की वजह से भाजपा और सपा प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है। यह दोनो ही दल के प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे है। इस वार्ड में भी कोई पैसा तो कोई शराब तक बांटकर वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटा हुआ है।
विद्यावती प्रथम वार्ड से भाजपा ने पूर्व पार्षद विमल तिवारी की पत्नी प्रतिमा तिवारी को मैदान में उतारा है। नए परिसीमन में वार्ड से नए क्षेत्र जुड़ जाने से इस प्रत्याशी को राहत जरूर मिली है लेकिन पिछले पांच साल तक पुराने वार्ड की उपेक्षा का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। इसके बावजूद वह नए क्षेत्र के मतदाताओं को लुभाने में जुटे हुए हैं। यह हाल सिर्फ इन्ही चंद वार्डो का नहीं है। राजधानी के अधिकांश वार्डो के प्रत्याशी मालिन बस्तियों और अल्प आय वर्ग के मतदाताओ को तमाम को उपहार और नगदी बांटकर अपने पक्ष में करने की कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे है। इस प्रलोभन का नतीजा क्या होगा यह तो 13 मई को सामने आएगा। फिलहाल हर प्रत्याशी अपने गणित से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं।