शाश्वत तिवारी
नई दिल्ली में पांचवां भारत- कुवैत विदेश कार्यालय परामर्श (FOC) आयोजित किया गया। एफओसी के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उच्च स्तरीय यात्राओं के महत्व विशेष रूप से EAM/ FM स्तर पर संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग के शीघ्र आयोजन पर बल दिया गया। दोनों पक्ष पारंपरिक रूप से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त करते हुए विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश, शिक्षा, विज्ञान और उच्च-प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि में सहयोग में विविधता लाने पर सहमत हुए।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्विपुल ने किया, वहीँ कुवैत के एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री (AFM) राजदूत समीह एसा जौहर हयात ने कुवैती प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। दोनों देशों के राजदूतों के साथ-साथ अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी एफओसी में भाग लिया। विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद किया और संबंधों को और मजबूत और विविधतापूर्ण बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारतीय पक्ष ने कुवैत में भारतीय समुदाय के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कुवैती पक्ष को धन्यवाद दिया और दोनों पक्ष सुरक्षित और कानूनी प्रवास सुनिश्चित करने के लिए घरेलू क्षेत्र के श्रमिकों पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन के प्रभावी कार्यान्वयन के महत्व पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों सहित पारस्परिक हित के अन्य बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की और आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। भारतीय पक्ष ने बताया कि वह शीघ्र ही एससीओ की अध्यक्षता में एक वार्ता भागीदार के रूप में कुवैत का स्वागत करने के लिए उत्सुक है।