जानिए देश-दुनिया में कैसे मनाई जाती है बुद्ध जयंती

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


आज  05 मई 2023 वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि है। सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा का महत्‍व हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों के लिए ही बहुत खास माना गया है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्‍म हुआ था और इसी दिन इन्‍हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और फिर 80 वर्ष की आयु में इसी तिथि पर कुशीनगर में इनका महाप्रयाण हुआ। इसलिए वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म के अनुयायी आते हैं और बोधि वृक्ष की पूजा की जाती  है।  इसी दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर कई तरह संयोग बन रहे हैं।  कई तरह के ग्रहों और नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा। इस तरह के संयोग से कुछ राशि वाालों के लिए विशेष लाभ की संभावना है।

देश दुनिया में ऐसे मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा

भारत के अलावा बुद्ध पूर्णिमा और भी कई देशों में मनाई जाती हैं। इन देशों में बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं जो महात्‍मा बुद्ध के आदर्शों पर चलते हुए उन्‍हें अपना भगवान मानते हैं। इन देशों में चीन, नेपाल, सिंगापुर, वियतनाम, थाइलैंड, जापान, कंबोडिया, मलेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया प्रमुख हैं। वहीं उत्‍तर प्रदेश के कुशी नगर जिले में इस अवसर पर मेला लगता है। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग इस दिन अपने घर को फूलों से सजाते हैं और दीपक जलाते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व :  पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। इस दिन लोग व्रत-उपवास करते हैं। बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। उनके धार्मिक स्‍थलों पर सभी लोग एकत्र होगर सामूहिक उपासना करते हैं और दान देते हैं। बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग बुद्ध पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व सभी को शांति का संदेश देता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन बोधगया जाकर पूजापाठ करते हैं। लोग बोधिवृक्ष की पूजा करते हैं। बोधिवृक्ष पीपल का पेड़ होता है और इस दिन इसकी पूजा करने का विशेष धार्मिक महत्‍व माना गया है। वृक्ष पर दूध और इत्र मिला हुआ जल चढ़ाया जाता है। सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ पर जलाया जाता है।

 

बुद्ध पूर्णिमा मनाने के छह कारण

  1. महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म
  2. महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्त
  3. महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण
  4. भगवान विष्णु का 9वां अवतार हुआ इस दिन
  5. सत्यव्रत पूर्णिमा से सुदामा हुए धनवान
  6. धर्मराज की पूजा से अकाल मृत्यु से मुक्ति

शुभ मुहूर्त 2023 :   पूरे समय स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है जिसे बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। पंचांग गणना के अनुसार स्वाति नक्षत्र रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा और सिद्धि योग सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

बुद्ध पूर्णिमा 2023 का महत्व

हिंद धर्म में हर माह पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस तिथि को वैशाखी पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख पूर्णिमा का त्योहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का महत्व होता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम बातें -बुद्ध का जन्म, बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति और बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है।

वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि :  वैशाख पूर्णिमा तिथि बहुत ही फलदायी मानी जाती है। इस तिथि पर पूजा-पाठ और स्नान का विशेष महत्व होता है।  वैशाख पूर्णिमा पर सत्यविनायक का व्रत भी रखा जाता है जिससे धर्मराज प्रसन्न होते हैं। इस दिन व्रती को जल से भरे घड़े सहित पकवान आदि भी किसी जरूरतमंद को दान करने चाहिये। स्वर्णदान का भी इस दिन काफी महत्व माना जाता है। व्रती को पूर्णिमा के दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि से निवृत हो स्वच्छ होना चाहिये। तत्पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये। रात्रि के समय दीप, धूप, पुष्प, अन्न, गुड़ आदि से पूर्ण चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए और जल अर्पित करना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा पर इन राशि वालों पर रहेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को प्रिय तिथि होती है। इस तिथि पर पूजा-पाठ और दान करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है।  मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों के लिए यह संयोग बहुत ही फलदायी साबित होगा। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा जिससे आपको हर एक कार्य में सफलता मिलेगी। आपकी आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। नौकरी पेशा जातकों को अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। बिजनेस में मुनाफा होने के संकेत हैं।

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