धरती की पीड़ा,
अधर्म की बढ़त,
संकट मे जन जीवन,
असंतोष- अत्याचार
बढ़ रही हो उल्टी बयार
तो दे जानकारी राजा को
क्या है?
सामाजिक यथार्थ।
यह है पत्रकार।
सत्य का अन्वेषण
भ्रष्ट प्रशासन का सच,
राजा का अत्याचार,
आम जनता की सोच,
भय,भूख,असंतोष ,
शिक्षा का अभाव,
स्वास्थ्य सेवा का हाल,
सुरक्षा खामियां तलाशे,
अपराध के नियंत्रण पर रखे ध्यान।
वह है पत्रकार।
बदलता कानून,मिटते सुकून,
आम जनजीवन,
के बढ़ते जुनून।
गरीब की आवाज,
महिला की इज्जत-
करुणा का गान,
बेहतर कार्यों के बखान,
करे सो है पत्रकार।
गलत का खंडन,
सच का मंडन।
सत्य शि्व सुंदर का,
करे अभिनंदन ,
सो है पत्रकार।।
आयोजन का प्रभाव,
व्यवस्था में क्या रहा अभाव
वक्ता की वाणी,
अन्न जल पानी-
बिगड़ते माहौल,
संवरते जन जीवन,
जन्म,जीवन,मरण
के कारण तलाशे,
उपाय सुझाये,
चर्चा करे,
वह है पत्रकार।।
रहता निर्लोभी,
असत्य का विरोधी,
क्रांति का दूत,
शांति का अनुरोधी,
रखता सब पर नजर,
हर बात की पकड़।
सभी शास्त्रो का ज्ञान,
करता अनुसंधान
लेखनी का बली,
करे सबकी भली,
वह है पत्रकार।।