डॉ दिलीप अग्निहोत्री
अभ्युदय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अभिनव योजना है। यह अंत्योदय के अनुरूप है। इसमें गरीब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में कोचिंग देने का व्यवस्था की गई। आपदा में अवसर के अंतर्गत योगी आदित्यनाथ ने इसका शुभारंभ किया था। कोरोना आपदा लॉक डाउन के दौरान कोटा और प्रयाग राज में कोचिंग करने वाले विद्यार्थियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने का का कार्य योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया गया था। योगी आदित्यनाथ स्वय इस अभियान की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने ऐसे विद्यार्थियों से संवाद भी किया था। यहीं से योगी आदित्यनाथ के मन में अभ्युदय योजना शुरू करने का विचार आया था। राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में बसन्त पंचमी के दिन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को प्रारम्भ किया। मात्र ढाई वर्ष में इसका सकारात्मक परिणाम दिखायी दे रहा है।
1998 से वर्ष 2020 तक समाज कल्याण विभाग द्वारा जो भी कोचिंग संचालित की जाती थी, उनमें मात्र तीन से चार अभ्यर्थी रेलवे एवं अन्य विभागों में चयनित होते थे। अभ्युदय योजना में विगत दो वर्षां में निःशुल्क कोचिंग से संघ लोक सेवा आयोग में तेईस एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पंचानवें चयनित अभ्यर्थियों का चयन हुआ। योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में चयनित लोगों को सम्मानित किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में अभ्युदय कोचिंग संचालित की जा रही हैं।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ‘अयोग्य पुरुषो नास्ति, योजकस्तत्र दुलर्भः’ की बात की है।अर्थात कोई भी मनुष्य अयोग्य नहीं है, उसे केवल एक योजक चाहिए।
अभ्युदय योजना समग्र विकास के लिए पथ प्रदर्शक है। मुख्यमंत्री ने चयनित लोगों को नैतिक संदेश भी दिया। कहा कि अभ्युदय योजना की सार्थकता तभी है, जब इसके माध्यम से चयनित अधिकारी अन्य लोगों के सांसारिक उत्थान के लिए कार्य कर सकेंगे। चयनित अधिकारियों को अपने लिए स्थान बनाने के साथ ही, दूसरों के उत्थान में भी योगदान देना चाहिए। चयनित अभ्यर्थी अपने तैनाती के समय में भी अभ्युदय योजना से सम्बन्ध बनाए रखें, इससे एक चेन विकसित हो सकेगी। जिसे मजबूत कर विश्वास का प्रतीक बनाया जा सके और आने वाले समय में तहसील स्तर तक ले जाया जा सके।