लखनऊ। यदि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्ठम व द्वादश भावों में कहीं भी मंगल हो तो उसे मंगल दोष कहा जाता है लेकिन उन दोषों के बावजूद अगर अन्य ग्रहों की स्थिति, दृष्टि या युति निम्नलिखित प्रकार से हो, तो मंगल दोष खुद ही प्रभावहीन हो जाता है।
- यदि मंगल ग्रह वाले भाव का स्वामी बली हो, उसी भाव में बैठा हो या दृष्टि रखता हो, साथ ही सप्तमेश या शुक्र अशुभ भावों (६/८/१२) में न हो।
- यदि मंगल शुक्र की राशि में स्थित हो तथा सप्तमेश बलवान होकर केंद्र त्रिकोण में हो।
- यदि गुरु या शुक्र बलवान, उच्च के होकर सप्तम में हो तथा मंगल निर्बल या नीच राशिगत हो।
- मेष या वृश्चिक का मंगल चतुर्थ में, कर्क या मकर का मंगल सप्तम में, मीन का मंगल अष्टम में तथा मेष या कर्क का मंगल द्वादश भाव में हो।
- यदि मंगल स्वराशि, मूल त्रिकोण राशि या अपनी उच्च राशि में स्थित हो।
- यदि वर-कन्या दोनों में से किसी की भी कुंडली में मंगल दोष हो तथा कुंडली में उन्हीं पाँच में से किसी भाव में कोई पाप ग्रह स्थित हो। कहा गया है।
शनि भौमोअथवा कश्चित् पापो वा तादृशो भवेत्।
तेष्वेव भवनेष्वेव भौम-दोषः विनाशकृत्॥
इनके अतिरिक्त भी कई योग ऐसे होते हैं, जो मंगली दोष का परिहार करते हैं। अतः मंगल के नाम पर मांगलिक अवसरों को नहीं खोना चाहिए।
सौभाग्य की सूचिका भी होती है मंगली कन्या : कन्या की जन्मकुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव में मंगल होने के बाद भी प्रथम (लग्न, त्रिकोण), चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम तथा दशम भाव में बलवान गुरु की स्थिति कन्या को मंगली होते हुए भी सौभाग्यशालिनी व सुयोग्य पत्नी तथा गुणवान व संतानवान बनाती है।
मंगल दोष के शांति उपाय
जिनकी राशि में मंगल अशुभ फल देने वाला है उन्हें निम्न उपाय करने से मंगल अनुकूल हो जाएगा व्यवसाय और जीवन में आ रही बाधा कम होगी।
- मंगल शांति के लिए मंगल का दान (लाल रंग का बैल, सोना, तांबा, मसूर की दाल, बताशा, लाल वस्त्र आदि) किसी गरीब जरूरतमंद व्यक्ति को दें।
- मंगल का मंत्र: ऊँ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताये धीमहि तन्नौ भौम: प्रचोदयात्। इस मंत्र का नित्य जप करें।
मंगलवार का व्रत रखें…
- मंगलवार को किसी गरीब को पेटभर खाना खिलाकर तृप्त करें।
- अपने घर में भाई-बहनों का विशेष ध्यान रखें। मंगलवार को उन्हें कुछ विशेष उपहार दें।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल हमारे शरीर के रक्त में स्थित माना गया है। अत: ऐसा खाना खाएं जिससे आपका रक्त शुद्ध बना रहे।
- मंगल प्रभावित व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का, चिढ़-चिढ़ा हो जाता है, अत: प्रयत्न करें की क्रोध आप पर हावी न हो।
- लाल बैल दान करें।
- मंगल परम मातृभक्त हैं। वह सभी माता-पिता का सेवा-सम्मान करने वाले लोगों पर विशेष स्नेह रखते हैं अत: मंगलवार को अपनी माता को लाल रंग का विशेष उपहार दें।
- मंगल से संबंधित वस्तुएं उपहार में भी ना लें।
- लाल रंग मंगल का विशेष प्रिय रंग हैं अत: कम से कम को मंगलवार खाने में ऐसा खाना खाएं जिसका रंग लाल हो, जैसे इमरती, मसूर की दाल, सेवफल आदि।
- अगर कुण्डली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के मेल से नहीं होता है तो व्रत और अनुष्ठान द्वारा इसका उपचार करना चाहिए. मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है. अगर जाने अनजाने मंगली कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण हेतु इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है।
- जिस कन्या की कुण्डली में मंगल दोष होता है वह अगर विवाह से पूर्व गुप्त रूप से घट से अथवा पीपल के वृक्ष से विवाह करले फिर मंगल दोष से रहित वर से शादी करे तो दोष नहीं लगता है।
- प्राण प्रतिष्ठित विष्णु प्रतिमा से विवाह के पश्चात अगर कन्या विवाह करती है तब भी इस दोष का परिहार हो जाता है।
- मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है।
- कार्तिकेय जी की पूजा से भी इस दोष में लाभ मिलता है।
- महामृत्युजय मंत्र का जप सर्व बाधा का नाश करने वाला है. इस मंत्र से मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक जीवन में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल अमंगल दूर होता है।
नोट: जहाँ तक संभव हो मांगलिक से मांगलिक का संबंध करें। फिर भी मांगलिक एवं अमांगलिक पत्रिका हो, दोनों परिवार अपने पारिवारिक संबंध के कारण पूर्ण संतुष्ट हो, तब भी यह संबंध श्रेष्ठ नहीं है। ऐसा नहीं करना चाहिए।ऐसे में अन्य कई कुयोग हैं। जैसे वैधव्य विषागना आदि दोषों को दूर रखें। यदि ऐसी स्थिति हो तो ‘पीपल’ विवाह, कुंभ विवाह, सालिगराम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके कन्या का संबंध अच्छे ग्रह योग वाले वर के साथ करें। मंगल यंत्र विशेष परिस्थिति में ही प्रयोग करें। देरी से विवाह, संतान उत्पन्न की समस्या, तलाक, दाम्पत्य सुख में कमी एवं कोर्ट केस इत्यादि में ही इसे प्रयोग करें।