नई दिल्ली। एयरबीएनबी ने भारत को एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने और यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने लाने के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के साथ आज एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया है। भारत सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी, पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी. विद्यावती, अतिरिक्त सचिव राकेश कुमार वर्मा और एयरबीएनबी इंडिया, साउथईस्ट एशिया, हांगकांग एवं ताइवान के जनरल मैनेजर अमनप्रीत बजाज की उपस्थिति में MOU पर हस्ताक्षर किया गया। इसका उद्देश्य भारत की विरासत के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करना और विविध विरासत के माध्यम से पर्यटकों को यहां की यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है।
माइक्रोसाइट सोल ऑफ इंडिया ‘ की लॉन्चिंग इस साझेदारी का अहम हिस्सा है, जिसमें भारत की विभिन्न ऐतिहासिक विरासतों को दर्शाया जाएगा। इतिहास एवं श्रेष्ठ वास्तुकला में रची-बसी इन धरोहरों से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक तस्वीर की झलक देखने का अवसर मिलता है। इसके अतिरिक्त, एयरबीएनबी बहुत से अनछुए टूरिज्म डेस्टिनेशन को होस्ट करने, वहां होमस्टे को बढ़ावा देने, होस्ट कैपेसिटी को बढ़ाने और जिम्मेदारी के साथ पर्यटकों की मेजबानी की संस्कृति को विकसित करने में भी सहायता करेगी। सालभर के लिए की गई यह साझेदारी प्रमोशनल स्ट्रेटजी और कैंपेन के माध्यम से ग्लोबल टूरिज्म मार्केट में भारत की उपस्थिति को बढ़ाने की दिशा में पर्यटन मंत्रालय और एयरबीएनबी की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
MOU के कुछ अहम तथ्य-
डेस्टिनेशन प्रमोशन: पर्यटन मंत्रालय और एयरबीएनबी मिलकर टार्गेटेड डोमेस्टिक एवं इंटरनेशनल कैंपेन के माध्यम से सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन के लिए गंतव्य के रूप में भारत को बढ़ावा देंगे। इन कैंपेन में देशभर के खास हेरिटेज स्टे के बारे में बताया जाएगा।
‘सोल ऑफ इंडिया’ माइक्रोसाइट: एयरबीएनबी पूरे भारत के ऐसे ऐतिहासिक जगहों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित माइक्रोसाइट ‘सोल ऑफ इंडिया’ लॉन्च करेगी। इसमें विभिन्न ऐतिहासिक विरासतों एवं स्थानों से संबंधित कहानियां साझा की जाएंगी। इनका लक्ष्य पर्यटकों को अनूठे सांस्कृतिक रोमांच के लिए प्रेरित करना और भारत की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहरों में खो जाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
क्षमता निर्माण एवं समझ बढ़ाना: एयरबीएनबी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उभरते हुए गंतव्योंमें हॉस्पिटैलिटी से जुड़े छोटे उद्यमियों को प्रशिक्षित करने का प्रयास करेगी। एयरबीएनबी ट्रैवल और होमस्टे से जुड़ी जानकारियां भी पर्यटन मंत्रालय के साथ साझा करेगी, जिसके तहत पर्यटन से जुड़ी नीतियों को बेहतर बनाने और प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों को पूरा करने का काम किया जाएगा।
सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने के महत्व को लेकर भारत सरकार के पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, ‘भारत की सदियों पुरानी ‘अतिथ देवो भव:’ की मान्यता में मेहमानों को ईश्वर के बराबर माना जाता है और पर्यटकों के लिए स्थानीय लोगों के साथ उनके घरों में रहने की व्यवस्था करने से अच्छा आतिथ्य का और क्या तरीका हो सकता है? होमस्टे से पर्यटकों को अपनेपन का अनुभव होता है और उन्हें सांस्कृतिक पर्यटन का अनुभव मिलता है। हम एयरबीएनबी के साथ गठजोड़ कर उत्साहित हैं। कंपनी की वैश्विक पहुंच भारत की इस अनूठी होमस्टे की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों तक पहुंचाने और उन्हें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अनुभव करने का अवसर देने में सहायक होगी। इस साझेदारी से देश में इनबाउंड टूरिज्म बढ़ेगा, स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक अवसर सृजित होंगे और ग्लोबल टूरिज्म के नक्शे पर भारत की अनूठी छवि बनेगी।’
एयरबीएनबी (Airbnb) के जनरल मैनेजर- इंडिया, साउथईस्ट एशिया, हांगकांग एंड ताइवान अमनप्रीत बजाज ने कहा, ‘हमें भारत की आत्मा को अनुभव करने की दिशा में पर्यटन मंत्रालय के साथ साझेदारी का गर्व है। यह MOU एक महत्वपूर्ण साझेदारी का पड़ाव है, जिससे भारत में पर्यटन के माध्यम से नए आर्थिक एवं सामाजिक अवसर बनेंगे, साथ ही अद्वितीय भारत के ब्रांड को मजबूती मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भारत में उपलब्ध समृद्ध विरासत को दर्शाने का मौका मिलेगा। एयरबीएनबी ने हमेशा मेजबानों और उनके सशक्तीकरण को अपने परिचालन के केंद्र में रखा है। हम यह देखकर खुश हैं कि भारत के नेतृत्व में G-20 देश भी स्थानीय समुदायों को पर्याप्त कौशल के साथ सशक्त करने और पर्यटन से जुड़ी जिम्मेदारीपूर्ण गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर समान रूप से प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं।’ इस MOU पर हस्ताक्षर के साथ एयरबीएनबी और पर्यटन मंत्रालय ने एक रोमांचक यात्रा का मार्ग तैयार कर दिया है, जिससे न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटकों को भी नया अनुभव प्राप्त होगा, आर्थिक विकास को गति मिलेगी और एक ऐसी विविधता दिखेगी, जो भारत की मूल आत्मा है।