नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) झारखंड कैडर की अधिकारी पूजा सिंघल के पति व्यवसायी अभिषेक झा की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस मामले में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष गुहार लगाई जा सकती है, जिसने पहले याचिकाकर्ता की पत्नी पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत दी थी। पीठ ने इस अग्रिम जमानत की याचिका पर विचार के लिए पांच जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आरोपी झा ने उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश की वैधता को चुनौती दी है, जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 की धारा 438 के तहत उन्हें अग्रिम जमानत देने के विवेक का प्रयोग करने से इनकार कर दिया गया था। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वह पूछताछ के लिए ED के समक्ष आसानी से उपलब्ध हुआ है और जांच में पूरा सहयोग किया है। IAS अधिकारी राज्य के खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (JSMDC) की प्रबंध निदेशक थी। ED ने 11 मई 2022 को उन्हें (सिंघल) गिरफ्तार किया था। एक दिन बाद 12 मई को झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।
ED ने आरोप लगाया था कि IAS अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से बरामद सामग्री राजनीतिक तौर पर उच्च पदों पर बैठे लोगों के साथ उनके सीधे संबंध को दर्शाती है। उन पर 2010 में मनरेगा धन के वितरण में अनियमितता का भी आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा गया है, “कथित अपराध के दौरान याचिकाकर्ता ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) में मास्टर की पढ़ाई कर रहा था। मुख्य रूप से 2008 से 2011 तक ऑस्ट्रेलिया में था। कथित अपराध 2009-2010 के दौरान की है, जो कि इससे एक अवधि अधिक है। साल 12-13 से पहले और उस अवधि में कुछ व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई कुछ प्राथमिकी से संबंधित है। याचिकाकर्ता का नाम देश में उस दौरान नहीं रहने के कारण उक्त प्राथमिकी का हिस्सा नहीं है और हो भी नहीं सकता था।
याचिकाकर्ता झा ने अपनी याचिका में कहा कि वह 2010 के उत्तरार्ध में वह सिंघल से परिचित हुआ और 20 जून 2011 को उन्होंने शादी कर ली। अग्रिम जमानत याचिका में किया गया है कि (झा) वह एक सुशिक्षित और स्थापित व्यवसायी हैं। उसने अकेले पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की तथा पल्स हॉस्पिटल और पल्स डायग्नोस्टिक सेंटर का सफलतापूर्वक प्रबंधन और संचालन किया। ED ने सात मई 2022 को छापेमारी के एक दिन बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कथित तौर पर एक बयान दर्ज कराया कि उनके आवासीय और आधिकारिक परिसरों से जब्त की गई 17.79 करोड़ रुपये की अधिकांश नकद राशि याचिकाकर्ता की पत्नी सिंघल की थी। ED ने पांच जुलाई 2022 को याचिकाकर्ता और कई अन्य लोगों के खिलाफ सत्र न्यायालय, सीबीआई-सह-PMLA रांची में PMLA की धारा तीन के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का आरोप लगाते हुए एक पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज की। (वार्ता)