सीमावर्ती बाजारों में पसरा सन्नाटा
उमेश तिवारी
महराजगंज । नेपाल से सटे भारतीय बाजार में नेपाली खरीदार ही ज्यादातर आते हैं। उन्हीं की वजह से मार्केट चलता है। लेकिन खरीदार न आने की वजह से व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। नेपाल में इन दिनों इंडियन करेंसी को लेकर उथल-पुथल मचा हुआ है। इसका सीधा असर भारत और नेपाल के आम लोगों पर पड़ रहा है। बेटी-रोटी का रिश्ता रखने वाले भारत और नेपाल के सीमाई इलाके में रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। सीमावर्ती इलाके के अधिकांश लोग भारतीय बाजार पर निर्भर हैं और यहां के दुकानदार उनपर निर्भर है। दरअसल नेपाल में इंडियन करेंसी पर अघोषित प्रतिबंध की वजह से सीमा से सटे बाजार में दुकान चलाने वाले लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। कस्टम ऑफिस के हेड हवलदार संपत बैठा ने बताया कि नेपाल के प्रशासन के द्वारा ही कार्रवाई की जा रही है। यहां से आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। एक निश्चित मात्रा में ही समान जाने दिया जा रहा है।
दो हजार के नोट पर प्रतिबंध लगने के बाद से समस्या हुई है उत्पन्न
स्थानीय व्यापारी निलेश कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में भारत सरकार के द्वारा दो हजार के नोट को प्रतिबंधित कर देने के बाद से ज्यादा बखेड़ा खड़ा हुआ है। नेपाल से भारत में आने वाले व्यापारी और ग्राहक 100 रुपये से ऊपर का नोट नहीं ले रहे हैं। नेपाल के लोगों का कहना है कि इंडियन करेंसी का मार्केट वैल्यू कम हो गया है। इसलिए अब इंडियन करेंसी में सामान खरीदारी नहीं करेंगे। पहले खरीदारी करते थे तो जिस 100 रुपये का वह 160 रुपये दिया करते थे, लेकिन अब 150 रुपये ही देने को तैयार होते हैं। इसके चलते स्थानीय व्यापारी के अलावा भारत से नेपाल जाने वाले आम नागरिकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां से जाने वाले लोग पॉकेट में पैसे रहने के बावजूद नेपाल से भूखे आने को विवश है। इसके पीछे का कारण यह है कि भारतीय करेंसी लेना नहीं चाह रहे हैं और मनमर्जी भी कर रहे हैं।
नेपाल के लोगों के मन में 200, 500 और 2000 रुपये के नोट बंद होने का डर
कपड़ा व्यापारी दिलीप कुमार ने बताया कि पहले 1000 भारतीय नोटों का 1600 रुपया होता था, लेकिन बीते कुछ महीनों से 1600 रुपये की जगह 1550 रुपये ही बन रहा है। उन्होंने बताया कि 100 रुपये से ऊपर का नोट नेपाल में पहले से प्रतिबंधित है। सरकार के द्वारा यह पहले से घोषित है, लेकिन आपसी भाईचारा और बेटी-रोटी के संबंधों की वजह से 200, 500 और 2000 के नोटों को भी प्रचलन में लाया जा रहा था। जबसे 2000 का नोट बंद हुआ है तब से नेपाल के लोग 100 से ऊपर का नोट नहीं ले रहे हैं। उनको यह भी डर है कि कहीं 200 और 500 के नोट भी बंद न हो जाए।
भारतीय बाजार में खरीदारी नहीं करना चाह रहे हैं नेपाल के लोग
कपड़ा व्यापारी दिलीप कुमार ने बताया कि इन सब की वजह से नेपाल से आकर खरीदारी करने वाले खरीदार अब भारतीय बाजार में खरीदारी नहीं करना चाहते हैं। क्योंकि बदले में उन्हें ज्यादातर व्यापारी इंडियन करेंसी ही रिटर्न करते हैं। जिससे उनको परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। जबकि नेपाल से सटे भारतीय बाजार में नेपाली खरीदार ही ज्यादातर आते हैं। उन्हीं की वजह से मार्केट चलता है। परंतु खरीदार न आने की वजह से व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।