डॉ दिलीप अग्निहोत्री
होनहार शिष्य पर गुरु को गर्व होता है। लेकिन कई कई बार शिष्य सीखे हुए दांव से गुरु को ही पछाड़ देता है। अजित पवार ने ऐसा ही दांव चला। वह शारद पावर के भतीजे ही नहीं सर्वाधिक होनहार शिष्य भी रहे हैं। पिछली बार अजित गच्चा खा गए थे। इस बार पूरी तैयारी से दांव चला। आज के शक्ति परीक्षण में चाचा से हिसाब चुकता कर दिया। यह शरद पवार का चालीस साल पुराना दांव था। उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका भतीजा उन्हीं पर यह दांव आजमा देगा। भतीजा भी क्या करता। चाचा ने अपनी पुत्री को उत्तराधिकारी बना दिया था। जबकि शरद की पाठशाला के वह सबसे होनहार शिष्य थे। बाल ठाकरे ने भी यही गलती की थी। पुत्र के मुकाबले उनका भतीजा ज्यादा तेज था। लेकिन उत्तराधिकारी अपने पुत्री को बना दिया। उद्धव ठाकरे और शारद पवार ने मिलकर महा आघाड़ी सरकार बनाई थी। इन दोनों को एक जैसी क़ीमत चुकानी पड़ रही है।
शिवसेना एक नाथ शिंदे की हो गई। NCP भी शायद अब अजित पवार के हिस्से में आयेगी। तिरपन में से पैंतीस विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। आठ में से पांच एमएलसी भी इस बैठक में पहुंचे। अजित पवार गुट ने बयालीस से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शरद पवार ने भी वाई बी चह्वाण सेंटर में बैंठक की। बताया जाता है कि शरद पवार की इस बैठक में करीब चौदह विधायक और दो एमएलसी पहुंचे। अजित ने कहा कि NCP के सभी विधायक हमारे साथ हैं। आज कुछ विधायक मेरी बैठक में नहीं पहुंच पाए। कुछ को हमने वाई बी चह्वाण सेंटर में शरद पवार की बैठक में भेज दिया है, लेकिन सारे विधायक हमारे संपर्क में हैं।
दल-बदल कानून से बचने के लिए छत्तीस विधायकों का समर्थन चाहिए। प्रतीत होता है कि अजित यह आंकड़ा पार कर लेंगे। अजित पवार ने NCP पर अपना दावा ठोक दिया है। उन्होंने पार्टी के चुनाव चिह्न पर भी अपना दावा किया है। अजित ने कहा कि बीजेपी में नेता पचहत्तर साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। शारद पवार को भी विश्राम करना चाहिए। अजित ने यह भी कहा कि शरद पवार हमारे देवता हैं हम उनका आशीर्वाद चाहते हैं। 1978 में शरद पवार ने अपने गुरु के इशारे पर कांग्रेस यू से खुद को अलग कर लिया और जनता पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई। शरद पवार राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। बाद में यशवंत राव पाटिल भी शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए।