जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
भगवान शिव की भक्ति में भिगोने वाला सावन का महीना इस बार बहुत ज्यादा खास है क्योंकि अधिकमास के चलते यह एक नहीं बल्कि पूरे दो महीने तक चलेगा। सनातन परंपरा में में सावन का महीना हिंदुओं का सबसे पवित्र माना जाता है। इस दौरान देवों के देव महादेव की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व होता है। यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ के भक्त उनकी पूरी विधि-विधान से पूजा करते हैं। सावन के महीने में सोमवार के दिन की जाने वाली पूजा को सबसे उत्तम माना गया है। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को होगा। हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग का जलाभिषेक करना अत्यंत ही पुण्यदायी होता है। पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो कर 31 अगस्त तक चलेगा। चूंकि, इस बार सावन का महीना 59 दिन तक का रहेगा। जिसमें भक्तों को व्रत करने के लिए कुल 8 सोमवार मिलेंगे। जोकि काफी शुभ योग माना जा रहा है। जबकि आगामी 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा। ऐसे में सावन 2 महीने का है। इसमें सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा और आखिर सोमवार 28 अगस्त को रहेगा।
सावन के सोमवार का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस साल सावन और अधिकमास का एक साथ पड़ना शुभ योग माना जा रहा है। मान्यता है कि अधिकमास और सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के साथ विष्णुजी की पूजा की जाती है। कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति को इन दोनों देवताओं की कृपा बरसती है। हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी के विवाह में बाधा आ रही हो तो उस जातक को सावन के सभी सोमवार का व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से शादी में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही यदि घर में धन की कमी है तो सावन के सोमवार को शमी के पेड़ की जड़ शिवलिंग पर चढ़ाएं फिर उसे अपनी तिजोरी में लाकर रख दें। इस उपाय को करने से धन से जुड़ी परेशानियों से निजात मिलेगी।
सावन के सोमवार पर क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
सनातन परंपरा के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक करके व्रत की शुरुआत की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस बार सावन के पहले सोमवार का शुभ महूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। माना जाता है कि शाम के दौरान भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से जातक की सभी परेशानियों से निजात मिल जाती है।