के. विक्रम राव
भले ही बॉलीवुड (मुंबई) तथा हॉलीवुड (लॉस एंजेलिस) के दरम्यान चौदह हजार किलोमीटर की दूरी हो, पर दोनों के श्रमिक हितों को भारतीय और अमेरिकी कलाकारों और कर्मियों ने एक साथ पिरो दिया है। इसीलिए गत 75 दिनों (मई दिवस 2023) से चल रही हॉलीवुड में हड़ताल का असर देर सबेर भारत के फिल्म उत्पादक केंद्रों (कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु आदि) पर पड़ेगा ही। इसका आगाज हुआ है कल (14 जुलाई 2023) जब मशहूर फिल्म हीरोइन प्रियंका चोपड़ा ने हॉलीवुड के हड़ताली मेहनतकशों को अपना समर्थन घोषित कर दिया।
प्रियंका की दो अंग्रेजी फिल्में “सिटाडेल” (दुर्ग) और “लव अगेन” (फिर इश्क) अमेरिका में निर्माणाधीन हैं। एक विख्यात भारतीय अभिनेत्री की सहानुभूति और समर्थन का साथ मिलने से इन अमेरिकी हड़तालियों का साहस और ऊर्जा बढ़े हैं। पहले तो प्रियंका ने घोषणा की थी कि वह स्क्रीन लेखकों और फिल्म और टेलीविजन कलाकारों का संघ (SAG-AFTRA) की यह हड़ताल खत्म होने तक वह अपने किसी भी प्रोजेक्ट की कहीं भी शूटिंग नहीं करेंगी। अब उन्होंने खुद इस हड़ताल में शामिल होने की पुष्टि कर दी है। एक पोस्ट में प्रियंका ने कहा : “मैं अपने संघ और सहकर्मियों के साथ हूं।” वे बीते दिनों अमेजन प्राइम वीडियो के शो ‘सिटाडेल’ में नजर आई थीं। अगले सीजन में मैडन जासूस के किरदार के अलावा प्रियंका ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ में नजर आएंगी। हड़ताल की वजह से इसकी शूटिंग रुक गई है।
विश्व सिनेमा-प्रेमियों को हॉलीवुड में लम्बाती हड़ताल से चिंता होना स्वाभाविक है। वहां स्टूडियो निस्तब्ध हैं, कलाकार निश्चेष्ट ! सांता मोनिका पर्वत श्रृंखलाओं से टकराती प्रशांत महासागर के लहरों की केवल गूंज सुनाई पड़ती है। अमेरिका का राइटर्स गिल्ड इस प्रतिरोध का आयोजक है। उसके ग्यारह हजार पटकथा-लेखकों ने कलम डाल दिया। क्यों ? उद्योग का मुनाफा कई गुना बढ़ा है, मगर उसमें हिस्सा नहीं मिला। डेढ़ दशकों से उनके परिश्रमिक में वृद्धि नहीं हुई है। उन्हें पटकथा लेखकों का भी व्यापक समर्थन मिला है। आजकल हड़ताल से जन्मी स्थिति का सामना करने हेतु पुरानी फिल्में ही दिखाई जा रही हैं। नए डायलॉग न मिलने के कारण, बीते दृश्य पुराने संवाद के साथ पर्दे पर पेश हो रहे हैं। हड़ताली सितारों तथा प्रबंधकों की बातें विफल हो जाने से समूचे उद्योग में कामबंदी हो गई है। इसका प्रभाव विश्वव्यापी है। अब अभिनेताओं ने भी लेखकों को अपना साथ डे दिया है। फलस्वरूप लगभग सभी फिल्म और टेलीविजन प्रोडक्शन ठप हो गई हैं।
स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड जो 160,000 कलाकारों का प्रतिनिधित्व करता है, ने कहा कि घटते वेतन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके निराकरण की मांग उन्होंने की थी। यह बातचीत बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई। कृत्रिम बुद्धि का विरोध लगातार चल रहा है क्योंकि इससे काफी नुकसान कलाकारों का हो सकता है। पूरी दुनिया में लोग परेशान हैं कि अगर हॉलीवुड में कृत्रिम बुद्धि के कारण ऐसा हाल है तो ये वायरल दूसरी इंडस्ट्री में भी पहुंचेगा और तब क्या होगा? इस बीच एक विशेष घटना हुई लंदन में जहां “ओपेनहाइमर” नामक हॉलीवुड फिल्म प्रीमियर का पूर्ण बहिष्कार किया गया। परमाणु बम के जनक भौतिक विज्ञानी स्व. जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर क्रिस्टोफेर नोलन के महाकृति “ओपेनहाइमर” का प्रीमियर था। नोलन की यह फिल्म भारत के संदर्भ में भी बड़ी महत्वपूर्ण है। यह फिल्म उस महापुरुष के नाम पर है जो भगवत गीता के निष्णात थे। अणुबम बनाने के बाद और जापान पर उसे फोड़ने के वक्त गीता के ग्यारहवें अध्याय के 32वें श्लोक को ओपेनहाइमर ने सुनाया था कि : “मैं (भगवान कृष्ण) लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ काल हूं।” अर्जुन का उनसे प्रश्न था : “आप कौन हैं” ? शायद ओपनहाइमर पर श्राप था दो ध्वस्त जापानी शहरों (हिरोशिमा और नागासाकी) की जनता का। त्रासदी की अनुभूति स्वयं उन्हे भी हो रही थी। अतः वे प्रारूब्ध भुगतने हेतु विवश थे।
अब गौर करें हॉलीवुड से उठे इस प्रश्न पर इस कृत्रिम बुद्धि से खतरा क्या है ? यह बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता है जिसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार होता है। उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिस पर मानव मस्तिष्क काम करता है। इसका प्रयोग समस्या को हल करने के लिए तर्कशक्ति प्रक्रिया का मॉडल तैयार किया जाता है ! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट सिस्टम के द्वारा काम करता है ! कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धि के शोध को “होशियार एजेंट” का अध्ययन माना जाता है। “ए स्पेस ओडिसी” जैसी क्लासिक साइंस-फिक्शन फिल्मों से लेकर “एक्स माकिना एंड हर” जैसी आधुनिक ब्लॉकबस्टर फिल्मों तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही इन फिल्मों का प्रमुख हिस्सा रहा है। इन्हें विभिन्न प्रकार से रचना या विध्वंसक के लिए एक उपकरण, या सामूहिक विनाश के हथियार के रूप में चित्रित किया जाता है। हॉलीवुड की हड़ताल का खास कारण यही कृत्रिम बुद्धि है। इससे वेतन कटौती तथा बेरोजगारी व्यापेगी। आशंका है कि बॉलीवुड की बारी आएगी, हॉलीवुड के बाद।