नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मोदी सरकार बदले की भावना से काम कर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करती है इसलिए समान विचार धारा वाले विपक्षी दलों को गठबंधन बनाने की जरूरत पड़ी है। खड़गे ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि वह अकेले ही पूरे विपक्ष पर भारी है लेकिन अब वह खुद को शायद कमजोर महसूस कर रहे हैं इसलिए आम चुनाव के मद्देनजर उन दलों को भी साथ जोड़ने की कोशिश में हैं जिनको पहले महत्वहीन समझकर किनारे कर दिया गया था।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मोदी ने संसद में कहा था कि ‘एक अकेला’ ही सब पर काफ़ी है, फ़िर उन्हें 29-30 पार्टियों की ज़रूरत क्यों पड़ी। हैरानी की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी को अचानक वैचारिक रूप से विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने की जरूरत महसूस हुई है। खड़गे ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले दल सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं और लोकतंत्र को कुचलने की इन कायरतापूर्ण रणनीति से नहीं डरेंगे। हमारा जो गठबंधन है, वो तो संसद में एक साथ मिलकर काम करता है। उनका एक ही उद्देश्य है लोकतंत्र को ख़त्म करने के लिए विपक्ष को एजेंसियों के दुरुपयोग से धमकाना। पर हम निडर हैं। उनकी साज़िशों का डटकर सामना करेंगे और जनता की आवाज़ उठाएँगे।
उन्होंने तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री डॉ के पोनमुडी के ठिकानों पर की गई छापामारी की भी निंदा की और कहा कि हम अपनी महत्वपूर्ण विपक्षी बैठक से ठीक पहले तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी के खिलाफ ED की छापेमारी की निंदा करते हैं। विपक्ष को डराने और विभाजित करने के लिए यह मोदी सरकार की पूर्वनियोजित साजिश है। (वार्ता)