- उत्तर प्रदेश चीनी मिल संघ में अफसरों का कारनामा
- चहेते अफसरों को लाभ देने के लिए रिटायर एसीएस गन्ना विकास ने नियमों को किया दर किनार
आरके यादव
लखनऊ। संविदा पर रखे गए रिटायर अफसर का तबादला। यह बात सुनने और पढऩे में भले ही आपको अटपटी लगे लेकिन यह बात बिलकुल सच है। सरकार में नौकरशाही इस कदर बेलगाम हो गई है कि पहले तो रिटायर अधिकारी को अस्थाई नियुक्ति दी। नियुक्ति के कुछ समय बाद ही इस अधिकारी को मनमाफिक चीनी मिल पर स्थानांतरित भी कर दिया गया। यह मामला उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ का है। बीते दिनों तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग ने पहले एक रिटायर अधिकारी को एक चीनी मिल में अस्थाई रूप में प्रधान प्रबंधक नियुक्त किया। एसीएस गन्ना विकास व चीनी उद्योग ने रिटायरमेंंट के कुछ समय पहले ही उन्होंने संविदा पर नियुक्त किए गए इस अधिकारी को उस चीनी मिल से स्थानांतरित कर दूसरी चीनी मिल भेज दिया। यह मामला चीनी मिल संघ के अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक गन्ना एवं चीनी विभाग के पूर्व गन्ना आयुक्त/ अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने सारे नियमों को ताक पर रखकर गन्ना विभाग से रिटायर हुए उप गन्ना आयुक्त शेर बहादुर को अस्थाई नियुक्ति देकर बहराइच जिले की नानपारा चीनी मिल का प्रधान प्रबंधक नियुक्त कर दिया। यही नही बहराइच जिले की नानपारा चीनी मिल में नियुक्त प्रधान प्रबंधक को डीएम से कहकर वित्तीय अधिकार भी दिलवा दिये।
सूत्रों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को 31 जुलाई 1023 को सेवानिवृत्त होना था। रिटायरमेंट से कुछ समय पहले ही तत्कालीन पूर्व अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास ने नानपारा चीनी मिल में संविदा पर नियुक्त किए गए प्रधान प्रबंधक शेर बहादुर को तबादला फर्रुबाद की कायमगंज चीनी मिल में कर दिया गया। रिटायर अफसर की संविदा पर हुई नियुक्ति के बाद तबादले का यह मामला चीनी मिल संघ के अधिकारियों और कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही है। चर्चा है कि चीनी मिल संघ में चेहेते अधिकारियों के लिए कोई नियम और कानून ही नहीं है। यही वजह है कि चीनी मिल संघ में रिटायर अफसरों का भी तबादला किया जा रहा है। उधर इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक आरके पांडेय से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। संघ के एक अन्य वरिष्ठï अधिकारी ने रिटायर शेर बहादुर का तबादला नानपारा से कायमगंज किए जाने की पुष्टिï की है।
अस्थाई नियुक्तियों मे नियम कानून किए दरकिनार
चीनी मिल संघ के बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित कर रखा है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि केवल तकनीकी अधिकारी/ कर्मचारियों को छोडक़र कोई लिपिकीय/ प्रशासनिक अधिकारी को रिटायर होने के बाद सेवा में नहीं रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के बाद भी तत्कालीन गन्ना आयुक्त ने रिटायर शेर बहादुर को नानपारा चीनी मिल का प्रधान प्रबंधक बनाया। इसके अलावा विवादित एवं भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हर्ष वर्धन कौशिक को फरवरी में रिटायर होने के बाद जीएम के पद पर रखकरे शीरा एवं चीनी बिक्री करवाकर करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं। यह तो बानगी भर है इसी प्रकार करीब आधा दर्जन लोगों को अस्थाई नियुक्तियां देकर महत्वपूर्ण प्रभार सौंपे गए है। चीनी मिल संघ अफसरों का कहना है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जायेगा।