डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रभाव प्रेरणादायक है। इसके अनुरूप वह महान विभूतियों का स्मरण करते हैं। जनसामान्य को राष्ट्र सेवा और राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने शिवाजी महाराज के व्यक्तिव और कृतित्व का गौरवशाली उल्लेख किया। कहा हमारा अस्तित्व समाज तथा राष्ट्र से है। जो समाज व देश का दुश्मन है, वह हमारा मित्र नहीं हो सकता। उसके साथ कैसे व्यवहार होना चाहिए, यह दृष्टि छत्रपति शिवाजी ने दी थी। योगी आदित्यनाथ ने ‘जाणता राजा’ कार्यक्रम को संबोधित किया। कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के पीछे उनकी माता जीजाबाई तथा उनके गुरु समर्थ गुरु रामदास की दिव्य दृष्टि थी। योग्य गुरु के मार्गदर्शन में उन्होंने मुगलों के तथा विदेशी हुकूमत के छक्के छुड़ा दिये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से भारत सरकार ने भारतीय नौसेना के झण्डे में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का निशान सम्मिलित किया है। जनपद आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज की स्मृतियों को संजोते हुए उनके नाम पर संग्रहालय बनाया जा रहा है। जो सत्य है, वहीं सनातन भी है। भारत में सनातन धर्म से जुड़े हुए सभी परिवारों के बच्चों में श्रीराम तथा श्रीकृष्ण से जुड़ी कथाएं आदर्श प्रभाव छोड़ती हैं। रामायण तथा महाभारत के साथ हमारा इतिहास तथा भविष्य दोनों जुड़े हैं। यह सत्य का प्रतीक है। इन प्रारम्भिक संस्कारों के साथ बालक के सामने छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोविन्द सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती जैसे महान तथा समाज को नेतृत्व व प्रेरणा देने वाले व्यक्तित्व आदर्श के रूप में उपस्थित होते हैं।
इन महान विभूतियों ने हमें नेतृत्व दिया तथा अपने उच्च आचरण से हमारे सामने मर्यादा का आदर्श प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि सभी व्यक्तियों तथा समाजों को अपने महापुरुषों पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। देश में अलग-अलग कालखण्डों में अलग-अलग सत्ताएं रहीं, लेकिन भारत की आत्मा कभी भी अपने मूल सत्व से विचलित नहीं हुई। भारत ने दुनिया को सदैव एक नई दृष्टि तथा नेतृत्व दिया है। भारत ने दुनिया में सुश्रुत के रूप में पहला सर्जन दिया। विमानन शास्त्र के क्षेत्र में महर्षि भारद्वाज तथा परमाणुवाद का सिद्धान्त देने वाले महर्षि कणाद जैसे महापुरुषों का स्मरण कर ही हम आगे बढ़ सकते हैं।
भारत को वर्ष 2047 तक दुनिया की महानतम ताकत के रूप में स्थापित करने तथा विकसित देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने पंचप्रण दिये हैं। इनमें गुलामी के सभी अंश से मुक्ति, विरासत का सम्मान करना तथा नागरिकों के कर्तव्य शामिल हैं। एक नागरिक के रूप में हमें अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के ज्यादातर क्षेत्रों में भारत की स्वाधीनता के लिए रानी लक्ष्मीबाई तथा मराठा सेनाओं ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इन क्षेत्रों को भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के कार्य से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्या जोशी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन में देश हित तथा राष्ट्र हित सर्वापरि था। शिवाजी की माता ने उनके सामने जीवन का उद्देश्य रखा। शिवाजी महाराज का शौर्य और पराक्रम देश व समाज की रक्षा के लिए समर्पित था। उन्होंने सभी को संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हुए मातृभूमि को स्वतंत्र करने का बीड़ा उठाया।