- राजधानी लखनऊ में बगैर पेड़ लगाए ही काट दिए गए सैकड़ो हरे पेड़
- एक पेड़ काटने से पहले 10 पेड़ लगाने का वन विभाग का नियम
आरके यादव
लखनऊ। वन विभाग का प्रावधान है कि एक पेड़ काटने से पहले दस पेड़ लगाए जाने का लगाए जाना अनिवार्य है। वन विभाग का यह नियम फाइलों में कैद होकर रह गया है। राजधानी के ग्रामीण इलाकों में बगैर कोई पेड़ लगाए ही सैकड़ों की संख्या में पेड़ काट दिए गए। व्यापक मात्रा में हुए इस पेड़ों के कटान की जानकारी विभागीय अधिकारियों को होने के बाद भी वह इस मामले से अंजान बने रहे। आलम यह है कि राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में हरे पेड़ों की कटान कर भू-माफिया प्लाटिंग करने में व्यवस्त है वहीं वन विभाग के अधिकारी इस गंभीर मसले पर मौन धारण किए हुए है।
प्रदेश की राजधानी के ही ग्रामीण इलाकों में हरे पड़ों की कटान का काम पिछले काफी समय से जोरशोर से चल रहा है। पिछले दिनों राजधानी के सरोजनीनगर और मलिहाबाद क्षेत्रों में भू-माफियों ने बागों के सैकड़ों की संख्या में लगे हरे पेड़ों को काटकर प्लाटिंग की योजना बना ली। वन विभाग के अधिकारी सब कुछ जानकर अंजान बने हुए है। कुछ ऐसा ही मामला बंथरा के हरौनी एवं अमौसी क्षेत्र के वनावरण क्षेत्र में पेड़ों की कटान करके प्लाट विकसित किए गए है। वन विभाग के अफसरों की मानें तो यह हाल सिर्फ राजधानी लखनऊ को ही नहीं बल्कि आसपास के बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव व रायबरेली क्षेत्रों में भी आसानी से देखा जा सकता है। विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से पेड़ों की कटान का काम धड़ल्ले से चल रहा है।
वन विभाग के नियमों के मुताबिक बगैर दस पेड़ लगाए कोई एक भी पेड़ काटना कानूनी अपराध है। यह बात बीती 20 जुलाई को वृक्षारोपण महा-अभियान के आयोजित वार्ता के दौरान वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दूबे ने कही। एक सवाल के जबाव के जवाब में उन्होंने बताया कि राजधानी में काटे गए पेड़ों की संख्या को आंकड़ा विभाग के पास है लेकिन आज हम पौधरोपण के लिए आए हैं। काटे गए पेड़ों की संख्या के सवाल को वह टाल गईं।
एक पेड़ लगाने पर आता 100 रुपए का खर्च
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि एक पेड़ लगाने में करीब 67 से 100 रुपए तक का खर्च आता है। गड्उा खोदाई से लेकर खाद इत्यादि की व्यवस्था की जाती है। इसमें गड्ढïा खोदने व खाद इत्यादि का खर्च शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मनरेगा किसानों को वृक्षारोपण प्रोत्साहन के लिए एक अभियान को नया स्वरूप दिया गया है। इसके तहत यदि मनरेगा किसान यदि अपनी जमीन पर तीन सौ पेड़ लगाने पर उसको 5800 सौ रुपए का भुगतान किया जाएगा।