- भारत छोड़ो आंदोलन ने पूरी ब्रिटिश हुकूमत की नीव हिला दी: शुक्ल
- प्रथम राष्ट्रीय ध्वज अगस्त क्रांति मैदान में फहराया अरुणा आसफ अली ने: दिनेश
- ‘अंग्रेजों के दलालों के राजनैतिक उत्तराधिकारियों सत्ता छोड़ों’: पाण्डेय
लखनऊ। अगस्त क्रांति दिवस की 81वीं वर्षगांठ उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मनाई गई, जिसमें विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ल ने की एवं संचालन बृजेन्द्र सिंह ने किया। इस संगोष्ठी में कांग्रेसजनों ने अपने विचार व्यक्त किये जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि भारत से काले अंग्रेजों को किस तरह से सत्ता से दूर किया जाए, जिससे भारत में एक बार पुनः प्रेम, सदभाव, भाईचारा कायम हो सके तथा भारत पुनः विकास की राह पर अग्रसर हो सके तथा नफरत का माहौल समाप्त हो लोगों अमन चैन कायम हो।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रो. हिलाल अहमद नकवी ने जानकारी देते हुए बताया कि विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला ने कहा कि 81 साल पूर्व आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ‘‘करो या मरो’’ का नारा देते हुए क्रांति का आगाज किया। भारत की आजादी से जुड़ी तमाम घटनाएं हैं लेकिन उनमें भारत छोड़ों आंदोलन आजादी का सबसे निर्णायक आंदोलन साबित हुआ, जिससे पूरी ब्रिटिश हुकूमत हिल गई थी यह आंदोलन 1857 के बाद का सबसे विशाल और सबसे तीव्र आंदोलन था।
प्रदेश प्रवक्ता प्रो. हिलाल अहमद नकवी ने आगे बताया कि गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए महासचिव प्रभारी प्रशासन दिनेश कुमार सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि बापू ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत करते हुए मुंबई के गोआलिया टैंक मैदान में क्रांति दिवस की पूर्व संध्या पर ‘‘करो या मरो’’ का नारा देते हुए ऐतिहासिक भाषण दिया था, कांग्रेस के सभी नेता गिरफ्तार कर लिये गये थे और एकमात्र बडे़ नेताओं में अरूणा असफ अली ने राष्ट्रध्वज फहराया, कांग्रेस का ध्वज ही राष्ट्रीय ध्वज हुआ करता था। देश के नेताओं ने गिरफ्तारी के बावजूद आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया था परिणाम स्वरूप देश आजाद हुआ।
कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि 81 वर्ष पहले राष्ट्रपिता के ‘‘करो या मरो’’ के नारे ने देश को आजादी दिलाई। आज पुनः करो या मरो का ही वक्त आ गया है। प्रत्येक कांग्रेसजन को आज संकल्प लेना होगा कि ‘‘अंग्रेजों के दलालों के राजनैतिक उत्तराधिकारियों सत्ता छोड़ों’’, ‘‘ब्रिटिश पेंशनजीवियों, माफीवीरों के उत्तराधिकारियों सत्ता छोड़ो’’ के नारे के साथ संघर्ष के रास्ते सड़क पर उतरना होगा और आगामी लोकसभा चुनाव में भारत माता के हत्यारों को सत्ता से हटाना होगा। सरकार इस बात को कान खोलकर सुन ले कि हम कांग्रेसी हैं न किसी से डरें हैं, न दबे हैं, न बिके हैं और न ही डरेंगे।
विचार गोष्ठी को सम्बोधित करने वालों में सेवादल के मुख्य संगठक डॉ. प्रमोद कुमार पाण्डेय, अनीस अंसारी, विजय बहादुर, सिद्धि प्रमुख रहे। उपस्थित लोगों में द्विजेन्द्र त्रिपाठी, रमेश मिश्रा, राजेश सिंह काली, अनिल देव त्यागी, संजय सिंह, सुशीला शर्मा, विभा त्रिपाठी, डॉ. जियाराम वर्मा, जितेंद्र वर्मा, डॉ. रिचा कौशिक, अशोक कुमार, प्रभाकर मिश्रा, नितान्त सिंह, सोमेश चौहान, आचार्य मनोज कुमार पाण्डेय, सुशील तिवारी सोनू, सब्बीर हाशमी, गिरीश कांत गांधी सहित भारी संख्या में कांग्रेस जन मौजूद रहे।