नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार ने कहा है कि व्यक्तियों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने और सामाजिक विकास में योगदान देने के लिए उचित रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। डॉ कुमार ने मंगलवार को यहां एक चिंतन शिविर में कहा कि एक मजबूत रणनीति विकसित करने के लिए समय-समय पर सामूहिक विचार-मंथन सत्रों की आवश्यकता होती है।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का लक्ष्य अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों, शराब और मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, भिखारियों, अधिसूचित जनजातियों और खानाबदोश (DNT), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (EBC) और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) जैसे सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों को सशक्त बनाकर एक समावेशी समाज का निर्माण करना है। डॉ कुमार ने कहा कि विभाग देश में सशक्त समावेशी समाज बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रहा है। अपनी परिकल्पना को साकार करने के लिए विभाग ने कई अनुकरणीय कदम उठाए हैं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने डॉ अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में आयोजित इस चिंतन शिवर में विभाग की योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विभाग में लाभार्थियों को प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान करने के लिए उन्हें और अधिक कुशल बनाने के लिए समय-समय पर सभी योजनाओं की समीक्षा की जाती है।
कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और उसके स्वायत्तशासी निकायों राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (NISD), डॉ अंबेडकर फाउंडेशन (DAF) और तीन निगमों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (NSFDC), राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (NBCFDC) और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC) के 400 से अधिक अधिकारी और विभाग के सभी स्तरों के अधिकारी भी मौजूद रहे। (वार्ता)