केवडिया/गुजरात। वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों से प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर जोर देने का आह्वान करते हुये आज कहा कि अमृतकाल में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ काम किया जाना चाहिए। सीतारमण ने वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों के चिंतन शिविर के अंतिम दिन आज ‘हमारी दक्षता में सुधार’ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुये कहा कि प्रभावशीलता और दक्षता दोनों दीर्घकालिक घटनाक्रम और नीतिगत सुधार में निरंतरता पर केंद्रित है।
उन्होंने अपने दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों से प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए प्रयास करने की अपील करते हुये कहा कि यह न केवल सरकारी-दृष्टिकोण पर केंद्रित हो बल्कि इसमें पूरे देश को ध्यान में रखा जाना चाहिए। ताकि इसका अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी से नए एवं युवा सहयोगियों को लगातार मार्गदर्शन देते रहने का सलाह देते हुये कहा कि अमृतकाल में परिणाम देने के साधन विकसित करने के लिए और 2047 तक विकसित भारत बनाने के उद्देश्य से भी इस पर जोर दिये जाने की जरूरत है। यह दक्षता के साथ प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। चिंतन शिविर में वित्त मंत्री के साथ-साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भगवत किशनराव कराड के साथ ही दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त आयकर विभाग और केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अधिकारियो ने भाग लिया।
सत्र में चर्चा कौशल विकास के इर्द-गिर्द घूमती रही। मजबूत संगठनात्मक प्रक्रियाओं को बनाए रखना, फ़ाइल प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना और निर्णय लेने में तेजी लाने के उपायों पर भी चर्चा की गयी। निर्णय की प्रक्रियाओं में हितधारकों को शामिल करना, नागरिक-अनुकूल प्रौद्योगिकी उपकरण, कामकाजी घंटों में लचीलापन, उत्पादकता बढ़ाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और भविष्य की तैयारी के लिए एआई का उपयोग, सार्वजनिक सेवा वितरण के प्रति संपूर्ण सरकारी एवं समग्र दृष्टिकोण, नागरिक-केंद्रित सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी, दोहरेपन को दूर करने का प्रयास करना और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना तथा भविष्य की तैयारी के लिए एआई का उपयोग आदि मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया।