एसोसिएशन और लखनऊ शाखा के पदाधिकारियों के अलग-अगल दावे
आरके यादव
लखनऊ। लोक निर्माण विभाग की मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के दो फाड़ हो गए है। प्रांतीय एसोसिएशन और एसोसिएशन की लखनऊ शाखा के बीच टकराव हो गया है। प्रांतीय एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लखनऊ शाखा के लोगों को निष्कासित किया तो लखनऊ शाखा के पदाधिकारियों ने प्रांतीय एसोसिएशन के महामंत्री को निकालने का फरमान जारी कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि प्रांतीय एसोसिएशन और लखनऊ शाखा के पदाधिकारी एक दूसरे आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपने-अपने संगठन को सही ठहराने का दावा ठोंक रहे हैं। बीते दिनों लोनिवि की मिनिस्टीरियल एसोसिएशन को दो दिवसीय अधिवेशन आगरा में आयोजित किया गया।
इस सम्मेलन के अंतिम दिन नहीं कार्यकारिणी गठित की गई। एसोसिएशन के अधिवेशन से पूर्व ही एसोसिएशन की लखनऊ शाखा ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस सम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए इसका खुलकर विरोध किया। इस विरोध के चलते लखनऊ शाखा के कई पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया गया। सम्मेलन के उपरांत गठित नई कार्यकारिणी में पदमनाभ त्रिवेदी को अध्यक्ष एवं जेपी पांडे को महामंत्री नियुक्त किया गया। बीते दिनों एसोसिएशन की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष ने एसोसिएशन के महामंत्री जेपी पांडेय को एसोसिएशन विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया।
इस संबंध मे जब लोनिवि मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पदमनाभ त्रिवेदी और महामंत्री जेपी पांडेय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की लखनऊ शाखा को भंग कर दिया गया है। रही बात महामंत्री को हटाने की बात तो शाखा का कोई भी पदाधिकारी प्रांतीय एसोसिएशन के महामंत्री को हटाने का अधिकार ही नहीं है। महामंत्री जेपी पांडेय का कहना है कि वह पहले से ही प्रांतीय संगठन से जुड़े हुए हैं उन्हें एक शाखा का अध्यक्ष हटा ही नहीं सकता है।
उधर लोनिवि मिनिस्टीरियल एसोसिएशन लखनऊ शाखा के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार का कहना है कि एसोसिएशन के चुनाव के विभागाध्यक्ष (प्रमुख अभियंता) से दिशा-निर्देश मांगे गए थे। उनकी तरफ से कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए। दिशा निर्देश नहीं मिलने के बाद भी विपक्षियों ने आगरा अधिवेशन में चुनाव करा लिया। यह चुनाव पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने बताया की चुनाव में जिन्हें महामंत्री बनाया गया है वह हमारे सदस्य है। उन्हें संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है। मंत्री मंसूरी अली का कहना है कि अधिवेशन के दौरान कर्मचारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया गया था। ऐसे में चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में चुनाव की औपचारिकता पूरी कर ली गई। उनकी एसोसिएशन के कई जिलों में पदाधिकारी है। यह दावा करना पूरी तरह से झूठ है कि उनकी एसोसिएशन को कई जिलों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने भी चुनाव को असंवैधानिक बताया है।
सुरेंद्र श्रीवास्तव फिर बने संरक्षक
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन की नवनिर्वाचित प्रादेशिक/क्षेत्रीय कार्यकारिणी की आयोजित गूगल मीट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओ पर विचार विमर्श किया गया। इसके उपरांत संगठन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव को मिनिस्टीरियल एसोसिएशन का प्रांतीय संरक्षक बनाए जाने के प्रस्ताव पेश किया गया। जिस पर एकमत से सहमति प्रदान की गई। उन्हें दूसरी बार एसोसिएशन का संरक्षक बनाया गया है। एसोसिएशन के प्रवक्ता सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रांतीय अध्यक्ष पद्मनाभ त्रिवेदी द्वारा सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव को प्रान्तीय संरक्षक घोषित किया। इस संरक्षक मनोनीत होने पर एसोसिएशन सहित कई कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव को बधाई देते हुए प्रान्तीय अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया है।