नई दिल्ली। भारतीय रेलवे स्वच्छता के लिए श्रमदान अभियान के तहत रविवार को एक कीर्तिमान रचने जा रही है। देश के 29 स्टेशनों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की 14 मिनट के रिकॉर्ड समय में पूरी साफ सफाई करने का रिकॉर्ड कायम किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रविवार से यह एक नियमित प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुबह चल कर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दोपहर में जिस स्टेशन पहुंचती है, वहां से इसे कम समय में ही लौटना होता है। ऐसे में सफाई कर्मचारियों को विशेष रूप प्रशिक्षित किया गया है कि वे 14 मिनट के रिकॉर्ड समय में सफाई पूरा करके गाड़ी को वापसी की यात्रा के लिए तैयार कर दें।
रेल मंत्री कल अजमेर से दिल्ली छावनी आने वाली वंदे भारत में इस अभियान की शुरूआत करेंगे। वैष्णव गुरुग्राम स्टेशन से ट्रेन में सवार होंगे और दिल्ली छावनी स्टेशन तक आएंगे और वहां 14 मिनट में साफ सफाई वाले अभियान का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दिन की कवायद नहीं होगी। हर दिन इसी तरह से सफाई की जाएगी। उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि चाहे आठ कोच वाली वंदे भारत हो या 16 कोच वाली, सफाई में इतना ही समय लगेगा क्योंकि एक कोच की सफाई के लिए तीन कर्मचारी लगाये गये हैं और रैक के कोचों की संख्या के हिसाब से कर्मचारी लगाये जाएंगे और गाड़ी की हर हाल में नियत समय में सफाई हो जाएगी।
वैष्णव ने यह भी बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस का उत्पादन बढ़ने वाला है और जल्द ही रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी में वंदे भारत एक्सप्रेस बनना शुरू होने वाली है। यही नहीं अब वंदे भारत एक्सप्रेस का रंग नारंगी एवं ग्रे होगा, ना कि सफेद नीला। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूर्णत: वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्ष पर आधारित है जिसमें कहा गया है कि आंखों को सबसे पहले नारंगी और पीला रंग सबसे पहले नज़र आता है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस की डिज़ायन में भी अनेक बदलाव किये गये हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग यात्रियों की सहायता के लिए एक अनोखा रैम्प तैयार किया गया है जिससे व्हीलचेयर को सीधे कोच में लाया जा सकता है। ये रैंप गाड़ी में दिव्यांगों के लिए चिह्नित कोचों के गेट पर उपलब्ध होंगे।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर कोचों की डिज़ायन को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसी डिज़ायन के आधार पर प्रोटोटाइप का निर्माण शुरू हो गया है। जो नवंबर दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि फरवरी मार्च में वंदे भारत का स्लीपर संस्करण भारत की रेल पटरियों पर दौड़ने लगेगा। उन्होंने कहा कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड मिल कर वंदे भारत का स्लीपर संस्करण बना रहे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस के इतर रेलवे के विकास के बारे में चर्चा करते हुए वैष्णव ने कहा कि इस साल के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए सकल बजटीय सहायता दो लाख 40 हजार करोड़ रुपए दी गयी है। आज चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही पूरी होने तक 59 प्रतिशत यानी एक लाख 40 हजार करोड़ रुपए का उपयोग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह व्यय ढांचागत विकास, संरक्षा एवं अनुरक्षण के मद में किया गया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाकी करीब एक लाख करोड़ रुपए की राशि का भी पूरा पूरा उपयोग कर लिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि वह अगले वित्त वर्ष में भी इस वर्ष की तरह दो लाख 40 करोड़ रुपए की सकल बजटीय सहायता मिलने की अपेक्षा रखते हैं। कोशिश करेंगे कि इससे कहीं अधिक मिले। (वार्ता)