- फिजूल खर्च करने के लिए पैसे न देने पर दिया था घटना को अंजाम
- अलीगंज क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। अलीगंज थानाक्षेत्र स्थित त्रिवेणीनगर रहने वाली फोरेंसिक लैब के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर मुकेश चंद्र शर्मा की 90 वर्षीय मां शैल कुमारी का क़ातिल कोई और नहीं सगा पोता था। फिजूल खर्च और शराब की लत ने उसे खूनी बना दिया। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर पुलिस ने कलयुगी पोते को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल आला कत्ल बरामद कर लिया है। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और जमीनी मुखबिर तंत्र की मदद से भनक लगते ही डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने गहनता से छानबीन कराई तो पता चला कि बुजुर्ग शैल कुमारी की जान किसी पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि उसी के सीतापुर निवासी पोते मानस सारस्वत ने ही किया था। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कुबूल लिया है।
सनद रहे कि अलीगंज क्षेत्र स्थित त्रिवेणी नगर में रहने वाली 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला शैल कुमारी की रविवार शाम गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने बताया कि यह घटना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं थी।
उन्होंने बताया घटना का राजफाश करने के लिए पुलिस की टीमें गठित कर अलग-अलग दिशाओं में भेजी गई थी साथ ही करीबियों पर भी पुलिस की टीमें पैनी नजर रखे हुए थी। डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी के मुताबिक इसी दौरान संदेह के आधार पर सिधौली सीतापुर निवासी बुजुर्ग शैल कुमारी के पोते मानस सारस्वत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो वह अपना जुर्म कुबूल करते हुए कहा कि शराब पीने के लिए दादी से पैसा मांगा तो दादी ने फिजूल खर्च करने के लिए पैसे नहीं दी, जिसको लेकर घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार किया है। पुलिस कातिल पोते को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल आला कत्ल बरामद कर सलाखों के पीछे भेज दिया।
,,,, अपने ही बन रहे अपनों के दुश्मन,,,
धारदार हथियार से हमला कर हैवानियत की हदें पार करने वाले इन सब मामलों में कोई अपना ही था। कोई रिश्ते में भाई था, कोई मामा, कोई चाचा तो कोई पोता। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें अधिकतर क़ातिल अपने ही निकले।
बुजुर्ग शैल कुमारी ने पोते के खिलाफ अपनी बात रखी तो बेरहम पोते ने खौफनाक कदम उठा लिया। राजधानी में आधा दर्जन से अधिक मामले इस बात के गवाह हैं कि किस कदर सामाजिक मूल्यों और सहनशीलता का क्षरण हुआ है।