कविता : इंसानियत

डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी
डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी

ईंट की दीवाल चुनना छोड़ दो।
आदमी को आदमी से जोड़ दो।।
ईंट की दीवाल तो ढह जाएगी।
इंसानियत ही बस यहां बच पाएगी।।1।।

दंभ का टकराव बढ़ता जारहा।
युद्ध का उन्माद ही टकरा रहा।।
बम धमाकों से शहर वीरान हैं।
चील कौए खा रहे इंसान हैं।।2।।

सज रही हैवानियत की बस्तियां।
बंट रही दो भाग मे हैं हस्तियां।।
मृत्यु का है खेल बढ़ता जारहा।
आदमी से आदमी टकरा रहा‌।3।।

Analysis

UP BY ELECTION: योगी का सियासी बम, अखिलेश का निकला दम

अंततः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में सात सीटों पर बाज़ी मारकर यह साबित कर दिया कि सियासी पिच के फ्रंटफुट पर बैटिंग करने का गुर उन्हें आता है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) योगी के बाउंसर पर पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। अखिलेश का PDA […]

Read More
Analysis

महाराष्ट्र में भगवा का जलवा, ‘I.N.D.I.A.’ को फेल कर गया फ़तवा

अबकी बार योगी का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ ने दिलाई दमदार जीत शिवसेना के वोटरों में भारी टूट, बीजेपी जीत गई महाराष्ट्र के सभी बूथ मुम्बई से लाइव शिवानंद चंद गहरे समंदर की खामोशी पढ़ना आसान है, लेकिन वोटरों की खामोशी पढ़ना किसी भी शिक्षाविद, विद्वान और राजनेता के लिए कठि न है। यही गच्चा […]

Read More
Analysis

EXCLUSIVE: मंगलमास कार्तिक की पूर्णिमा का पूर्ण स्वरूप

संजय तिवारी कार्तिक पूर्ण मास है। प्रत्येक दिवस मंगल है। सनातन का मंगलमास। ऐसे में इस मास की पूर्णिमा तो अद्भुत ही है। सनातन संस्कृति में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास व मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा […]

Read More