जेल मुख्यालय में चहेत बाबू अभी भी जमें हुए कमाऊ पटल पर

लंबे समय से एक ही पटल देखे रहे आठ बाबूओं का हुआ पटल परिवर्तन

आर के यादव

लखनऊ। कारागार मुख्यालय में आधा दर्जन से अधिक प्रधान सहायक, वरिष्ठ सहायकों के पटल में परिवर्तन किया गया है। लंबे समय बाद हुए इस परिवर्तन से बाबू संवर्ग के कर्मियों में हडक़ंप मचा हुआ है। यह अलग बात है कि अभी भी कई बाबू कमाऊ पटल पर जमे हुए है। इन बाबूओं को कब हटाया जाएगा। यह सवाल पटल परिवर्तन होने वाले बाबूओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि कमाऊ सीटों पर जमें सेटिंग-गेटिंग वाले बाबूओं को नहीं हटाया गया।

जेल मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस महानिदेशक व महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत ने बाबूओं के पटल परिवर्तन का एक आदेश जारी किया है। इसमें प्रधान सहायक संतोष कुमार वर्मा को लोक शिकायत अनुभाग से हटाकर अधिष्ठïन दो में तैनात किया गया है। इसी प्रकार प्रधान सहायक रीना निगम को गोपनीय अनुभाग से हटाकर बजट अनुभाग, श्रवण कुमार वर्मा को बजट अनुभाग से हटाकर सामानय अनुभाग एक, वरिष्ठ सहायक फूलचंद को मानवाधिकार आयोग से हटाकर लोक शिकायत अनुभाग, रमाकांत यादव को प्रशासनिक सुधार अनुभाग से हटाकर नजारत अनुभाग, तन्मयवीर सिंह को अधिष्ठïन अनुभाग दो से हटाकर गोपनीय अनुभाग, कनिष्ठ सहायक मर्सरत जहां खान को परिक्षेत्र कार्यालय बरेली से हटाकर अधिष्ठïन अनुभाग दो में और दीपक त्रिपाठी को नजारत अनुभाग से हटाकर प्रशासनिक सुधार अनुभाग में तैनात किया गया है।

सूत्रों का कहना है कि विभागाध्यक्ष ने आठ बाबूओं का पटल परिवर्तन तो कर दिया लेकिन वर्षों से एक ही पटल पर जमें बाबूओं को नहीं हटाया गया। डिप्टी जेलर संवर्ग का प्रभार देख रहे अनिल कुमार, आधुनिकीकरण का प्रभार देख रहे शिवांशु गुप्ता और शांतनू वशिष्ठ, विधि प्रकोष्ठ का प्रभार देख रहे अमिताभ मुखर्जी को नहीं हटाया गया। यह तीनों ही बाबू पिछले लंबे समय से कमाऊ पटल पर जमे हुए हैं। यह तो बानगी भर है इसी प्रकार दर्जनों बाबू आज भी लंबे समय से एक ही पटल पर डेरा डाले हुए है। उधर इस संबंध में जब आईजी एसएन साबत से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं को देखकर लंबे समय से एक स्थान पर जमें बाबूओं को हटाया जाएगा। जल्दी ही और परिवर्तन किए जाएंगे।

दोषियों को बचाने में हासिल महारत

जेल मुख्यालय में लंबे समय से एक ही पटल पर जमें प्रशासनिक अधिकारियों, प्रधान सहायक कई मामलों में दोषी पाए गए है। इनकी जांच भी कराई गई। जांच में कई बाबूओं को दोषी तक पाया गया। इन बाबूओं पर कार्रवाई करने के बजाए अधिकरियों ने उन्हें चेतावनी देकर बचा लिया गया। हाल ही में एक मामले की जांच कराई गई। इस जांच में चार बाबूओं को दोषी ठहराया गया है। दोषी पाए जाने के बाद भी इनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाइ्र नहीं की गई। उधर डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह को कहना है कि दोषी पाए गए कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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