कनाडा के राजनयिक भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी कर रहे थे: जयशंकर

नई दिल्ली। भारत ने रविवार को कहा कि कनाडा के राजनयिकों की संख्या में साम्यता के अधिकार का प्रयोग इसलिए करना पड़ा क्योंकि वे लगातार भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी कर रहे थे जिसके बारे में आने वाले समय में पता चलेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यहां एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग के राजनयिकों की सुरक्षा का सवाल भी जल्दी सुलझ जाएगा और वीसा सेवा भी जल्दी बहाल हो जाएगी। विदेश मंत्री ने कार्यक्रम में भारत कनाडा संबंधों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत एवं कनाडा के बीच स्थिति अभी काफी जटिल है। समस्या कनाडा के एक राजनीतिक वर्ग विशेष के कारण है जो कनाडा की नीतियों पर प्रभाव रखता है।

डॉ. जयशंकर ने कहा कि इस समय लोगों की सबसे बड़ी चिंता वीसा सेवा की है। कुछ सप्ताह पहले हमें यह सेवा बंद करनी पड़ी क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वीसा जारी करना सुरक्षित नहीं रह गया था। उनकी सुरक्षा हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता है। हमने अस्थायी रूप से वीसा सेवा बंद की है। हम बहुत निकटता से स्थिति का आकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा,कि हमें उम्मीद है और हमारी अपेक्षा है कि कुल मिलाकर स्थिति में सुधार आएगा। हमारे राजनयिकों में अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा आएगा और वे अपने राजनयिक होने का सबसे बुनियादी दायित्व निभाने के लिए तैयार होंगे। डॉ जयशंकर ने कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा विएना संधि का एक प्रमुख बुनियादी विषय है। और कनाडा में यह बुनियादी दायित्व यानी राजनयिकों की सुरक्षा कई मायनों में चुनौतीपूर्ण है। हमारे राजनयिक सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, कि यदि स्थिति में सुधार होता है तो मैं निश्चित रूप से चाहूँगा कि वीसा सेवा बहाल हो जाए। मुझे उम्मीद है कि ऐसा बहुत जल्दी हो सकेगा।

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा के साथ राजनयिकों की संख्या के बारे में साम्यता की मांग करके भारत ने विएना संधि का कतई कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आखिर में यह जो राजनयिकों की संख्या में साम्यता का मुद्दा है कि किसी देश में किस देश के कितने राजनयिक रहेंगे। राजनयिकों की संख्या में साम्यता का अधिकार विएना संधि में दिया गया है जो कि प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय नियमावली है। उन्होंने कहा,कि हमें इस अधिकार का प्रयोग इस लिए करना पड़ा क्योंकि हम कनाडा के राजनयिक लगातार हमारे आंतरिक मामलों में दखलंदाजी से चिंतित थे। हालांकि हमने इसे कभी सार्वजनिक नहीं किया लेकिन आने वाले समय में कई बातें सामने आएंगी और लोग समझेंगे कि हमें क्या दिक्कत हो रही थी और हमें यह कदम आखिर क्यों उठाना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ होने का आरोप लगाये जाने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में एकाएक तनाव आ गया है। इस विवाद के कारण कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा भारतीय राजनयिकों को धमकियां दी जा रहीं थीं जिस पर भारत सरकार ने कनाडा की सरकार से सुरक्षा सहायता देने का अनुरोध किया था। लेकिन कनाडा सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद कनाडा में भारतीय उच्चायोग में वीसा सेवाओं को स्थगित करने की घोषणा की गई थी। (वार्ता)

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