लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने गाज़ा में युद्ध विराम पर संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग में मोदी सरकार की अनुपस्थिति से असहमति जताते हुए विदेश मंत्रालय को ज्ञापन भेजने वाले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस और LIU द्वारा डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एक नवम्बर को प्रदेश भर से विदेश मंत्री को ज्ञापन भेजकर अल्पसंख्यक कांग्रेस की ज़िला और शहर इकाइयों ने संयुक्त राष्ट्र में युद्धविराम के लिए लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान मोदी सरकार की अनुपस्थिति को शांति और अहिंसा पर आधारित परंपरागत स्टैंड से हटने का आरोप लगाते हुए आपत्ति ज़ाहिर की थी।
जिसके बाद विभिन्न ज़िला और शहर अध्यक्षों को LIU और पुलिस द्वारा फोन पर पदाधिकारियों से उनकी और पारिवार की पृष्ठभूमि पूछी गयी और कहीं-कहीं थाने में बुलाया गया। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि प्रदेश सरकार युद्ध विराम के खिलाफ़ जनसंहार के पक्ष में मोदी सरकार द्वारा लिए गए अनैतिक पोज़ीशन से असहमति रखने वालों की आवाज़ दबाना चाहती है। शाहनवाज़ आलम ने योगी आदित्यनाथ द्वारा राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान फिलिस्तीन के रिहायशी इलाक़ों पर इज़रायल द्वारा छोड़े जा रहे बमों की तुलना बजरंग बली के गदे से करने को हिंदू धर्म का अपमान बताया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के बहुसंख्य देश इज़रायल की इस कार्यवाई को जनसंहार मान रहे हैं तो क्या योगी जी यह कहना चाहते हैं कि हनुमान जी निहत्थों का जनसंहार करते थे। इन्होंने कहा कि एक तरफ तो मोदी सरकार गाज़ा में अनाज़ और दवा भेजने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ उनके ही एक मुख्यमन्त्री जनसंहार का समर्थन कर रहे हैं।