नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर श्रेणी’ में बनी हुई है और सुबह 08:30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 504 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में पीएम 2.5 विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से 80 गुना अधिक रहा। दिल्ली में पीएम2.5 की सांद्रता 354 है, जबकि दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश क्षेत्रों में पीएम 10 की सांद्रता 552 है, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से अधिक है। इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शहर में गिरती वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने और स्थिति को चिंताजनक बताने के लिए कल एक आपात बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अंतरिम उपायों पर चर्चा की गई, जिसमें आम जनता से जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने और उत्सर्जन और धूल प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील शामिल है। उपराज्यपाल ने वायु प्रदूषण संकट को कम करने के लिए दीर्घकालिक स्थायी कार्य योजना बनाने की आवश्यकता दोहराई।
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आज सुबह हल्के कोहरे के साथ हवा की गति लगभग छह से आठ किमी प्रति घंटे रहने की संभावना है। इसके अलावा, नोएडा में हवा की गुणवत्ता 576 की AQI के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में गिर गई। CPCB के अनुसार, सेक्टर 116 और 62 में AQI क्रमशः 426 और 428 दर्ज की गई। इसी तरह, गुड़गांव की वायु गुणवत्ता 512 AQI के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में रही।
गौरतलब है कि दिल्ली में गुरुवार को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में होने के साथ, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-तीन को लागू किया है। इस बीच, पंजाब में 15 सितंबर से धान की कटाई का मौसम शुरू होने से लेकर शुक्रवार तक खेतों में पराली जलाने की कुल 12 हजार 813 घटनाएं सामने आई हैं। प्रशासन ने केवल 973 घटनाओं पर ही कार्रवाई की है और पर्यावरण मुआवजा लगाया है। (वार्ता)