प्रतापगढ़। जिले में झोलाछाप डॉक्टर यानी बगैर डिग्री धारक चिकित्सकों की भरमार है। इनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग वसूली कर अपना जेब गर्म कर रहा है। शहर से लेकर ग्रामीणांचल तक अनगिनत झोलाछाप मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कई ऐसे BMS और BUMS के चिकित्सक हैं जो एलोपैथ के डॉक्टर बन मरीजों का इलाज कर रहे हैं। खुद को किसी एमडी और एमएस से कम नहीं समझते हैं। ऐसे चिकित्सकों को बढ़ावा कोई और नहीं इनकी जांच और इनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले डिप्टी सीएमओ के साथ अपर शोध अधिकारी है। बारबार नोटिस भेजकर डराते हैं। फिर जेब गर्म होने के बाद कार्रवाई करना भूल जाते हैं।
जबकि कई बार डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीएमओ को आदेश दे रखा है। मगर प्रतापगढ़ का हाल ही कुछ और है। विभाग के सूत्रो की मानी जाए तो बीते सप्ताह भर से शहर से लेकर गांव के नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने दोपहर बाद पहुंच जाती थी। रात आठ से नौ बजे तक कार्रवाई के नाम पर संचालक को डराकर अपना जेब गर्म करती थी। आखिर में इनपर कब डिप्टी सीएम का नजर पड़ेगा। क्या इनके भी खिलाफ कार्रवाई होगी। बीते आठ साल से एक ही जनपद में जमे इन अफसरों का भी तबादला होगा।