- कई चौराहा बने एक्सीडेंट प्वाइंट
- दो मौतों के बाद एक बार फिर अफसरों को आई याद
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। मार्डन पुलिस कंट्रोल के वजूद में आने के बाद से राजधानी लखनऊ पुलिस कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हुई। सड़क हादसे कम हों इसके तहत शहरी क्षेत्र से बाहर ग्रामीण इलाकों में करीब सभी प्रमुख चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे बेधड़क होकर दौड़ रहे बेलगाम वाहनों की गतिविधियों को क़ैद करने का दावा किया गया, लेकिन सड़क हादसे में मौत होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बहरहाल सड़क हादसों में लगातार हो रही दुर्घनाओं से अत्याधुनिक पुलिस और तक तकनीकी दोनों ही सवालों के घेरे में है।
मानकों को ताक पर रख शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही इंजीनियरिंग लोगों की जान की दुश्मन बन रही है।
भव्य और सुंदर दिखने के लिए बनाए गए कई चौराहे हादसे का सबब बन रहे हैं। आलम यह है कि आए दिन लोगों को जाम से जूझना पड़ता है, दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। एडीशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे व हजरतगंज क्षेत्र स्थित मल्टीलेवल पार्किंग के सामने सड़क हादसे में महिला की हुई मौत ने एक बार फिर जिम्मेदार पुलिस अफसरों के दावों की पोल खोल कर रख दी। लिहाजा एडीशनल एसपी के इकलौते बेटे व हजरतगंज में महिला की हुई मौत के बाद एक बार फिर अफसरों को याद आई और सड़क अफसर ही अफसर नजर आ रहे हैं।
जुड़ने से पहले ही टूट जाती है कड़ियां
,,,सड़क हादसों की रोकथाम करने में फेल ट्रैफिक पुलिस जगह-जगह जाम और सड़क हादसों की रोकथाम के लिए जब भी किसी कप्तान की तैनाती हुई उनकी पहली प्राथमिकता रही यातायात व्यवस्था पर। लेकिन सूचनाओं और सोच की कड़ियां जुड़ने के पहले ही टूट जा रही है। अब तो राजधानी लखनऊ में कमिश्नरेट है इसके बावजूद जाम के झाम और सड़क हादसों में हो रही मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है।