नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के निर्णय के खिलाफ उसके समक्ष समीक्षा याचिकाएं दायर की गई हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार फैसले को 11 दिसंबर 2023 को संविधान सम्मत बताते हुए उसे बरकरार रखा था।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के फैसले को यह कहते हुए बरकरार रखा गया था कि यह एक अस्थायी प्रावधान था। याचिकाकर्ताओं में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, मुजफ्फर इकबाल खान और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट शामिल थे। संविधान पीठ ने अपने सर्वसम्मत फैसले में केंद्र से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और सितंबर 2024 तक वहां चुनाव कराने का भी आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को भी संवैधानिक रूप से वैध करार दिया था।