डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रयाग राज कुम्भ, प्रवासी भारतीय सम्मेलन, अनेक इनवेस्टर्स समिट के आयोजन में योगी आदित्यनाथ की प्रबंधन कुशलता विश्व स्तर पर प्रसिद्ध रही है। विगत साढ़े छह वर्षों के दौरान अनेक वैश्वीक कीर्तिमान यूपी के खाते में आए हैं। अयोध्या का दीपोत्सव भी इसमे शामिल रहा है। एक बार फिर राजमंदिर प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा विश्व स्तर पर हुई है। इसकी भव्यता ने योगी की प्रबंधन कुशलता को एक बार फिर प्रमाणित किया है।
‘मोरे जियँ भरोस दृढ़ सोई।
मिलिहहिं राम सगुन सुभ होई।।
अयोध्या में मन्दिर निर्माण प्राण प्रतिष्ठा एतिहासिक अवसर था। इसके साथ ही विगत छह वर्षों में यहां हुए विकास की झलक भी अतिथियों और दुनिया ने देखी। यह धर्म नगरी ’विश्व की सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या’ के रूप में पुनरोद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपये यहां पर भौतिक विकास के लिए लग रहे हैं। आज यहां राम की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड, भरत कुंड, सूरज कुंड सहित विभिन्न कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण, संचालन और रख-रखाव के कार्य हो रहे हैं। रामायण परम्परा की ’कल्चरल मैपिंग’ कराई जा रही है। राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण हो रहा है। इस नई अयोध्या में पुरातन संस्कृति और सभ्यता का संरक्षण तो हो ही रहा है, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं भी विकसित हो रहीं हैं।
आज यहां राम जी की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड, भरत कुंड, सूरज कुंड सहित विभिन्न कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण, संचालन और रख-रखाव के कार्य हो रहे हैं। रामायण परम्परा की ’कल्चरल मैपिंग’ कराई जा रही है। राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण हो रहा है। इस नई अयोध्या में पुरातन संस्कृति और सभ्यता का संरक्षण तो हो ही रहा है, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं भी विकसित हो रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चिंत रहिये, प्रभु राम कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में अब गोलियां नहीं चलेगी, कर्फ्यू नहीं लगेगा। अपितु दीपोत्सवां, रामोत्सव और श्रीराम नाम संकीर्तन से यहां की गलियां गुंजायमान होंगी।